कोलकाता में रेजिडेंट महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या के विरोध में शनिवार से प्रदेशभर के डॉक्टर 24 घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे। इससे अस्पतालों में ओपीडी की सेवाएं ठप रहेंगी, जबकि इमरजेंसी, पोस्टमार्टम व वीआईपी ड्यूटी के लिए डॉक्टरों की सेवाएं यथावत रहेगी। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ की बैठक में कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है। उधर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी कार्य बहिष्कार का एलान किया है। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज वर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को प्रदेशभर के डॉक्टरों की वर्चुअल बैठक हुई, जिसमें सभी जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारी शामिल हुए।
कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टरों की दुष्कर्म के बाद हत्या का डॉक्टरों ने कड़ा विरोध किया। डॉक्टरों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि शनिवार सुबह छह बजे से रविवार सुबह छह बजे तक 24 घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा। सभी अस्पतालों के डॉक्टर ओपीडी और सर्जरी नहीं करेंगे। पूर्व की भांति इमरजेंसी सेवाएं चलती रहेगी।
संघ ने सीएम को ज्ञापन प्रेषित किया। जिसमें सरकार के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने सरकार को अवगत कराया कि प्रदेश के जिला, उप जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ चौबीस घंटे सेवाएं देते हैं। लेकिन, रात्रि ड्यूटी के दौरान महिला डॉक्टर और नर्सों की सुरक्षा के लिए ठोस उपाय नहीं है। अस्पतालों में ड्यूटी रूम तक नहीं है। बैठक में प्रदेश महासचिव डॉ. रमेश कुंवर भी मौजूद थे।
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन की प्रांतीय अध्यक्ष सुधा कुकरेती और महामंत्री सतीश चंद्र पांडेय ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से शनिवार को देशव्यापी ओपीडी का कार्यबहिष्कार करने का निर्णय लिया है। डिप्लोमा फार्मासिस्ट ने समर्थन किया। सभी फार्मासिस्ट भी काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।
कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी मामले में आईएमए हल्द्वानी की ओर से शनिवार को ओपीडी बंद का आह्वान किया गया है। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ की ओर से 24 घंटे का कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया है। निजी अस्पतालों के अलावा बेस अस्पताल, महिला अस्पताल के डॉक्टरों ने ओपीडी बंद रखने का निर्णय लिया है। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं चलेंगी। वहीं अलावा एनएचएम कार्मिक भी कार्य बहिष्कार पर रहेंगे।
दून अस्पताल में डॉक्टरों के धरने पर जाने से डॉक्टरों की कमी रही, लेकिन मरीजों की संख्या पर कोई गिरावट दर्ज नहीं की गई। इससे अस्पताल की व्यवस्थाएं प्रभावित रहीं। 2363 मरीज ओपीडी में पहुंचे।
शनिवार को प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ से जुड़े डॉक्टर, फार्मासिस्ट एसोसिएशन से संबद्ध कर्मचारियों के अलावा निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स भी हड़ताल पर रहेंगे। इससे निजी और सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कार्य बहिष्कार के दौरान आपातकालीन सेवाएं, पोस्टमार्टम तथा वीआईपी ड्यूटी सुचारू रहेंगी। ओपीडी बंद रहेगी।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात…
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि पूर्वोत्तर में उग्रवाद समाप्त हो…
राजधानी लखनऊ में शनिवार को केजीएमयू के 120वां स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित…
मथुरा के कोसीकलां क्षेत्र में दिल्ली गेट पर आपसी लेनदेन को लेकर एक समुदाय के…
देनदारी का भुगतान नहीं करने से ऊर्जा निगम पर सरकार का बकाया बढ़कर लगभग 5000…