सेठ बिमल प्रसाद जैन एजुकेशनल ट्रस्ट की 5.62 करोड़ की संपत्ति अटैच, छात्रवृत्ति घोटाले में ईडी की कार्रवाई

देहरादून :समाज कल्याण विभाग के अरबों रुपये के एससी/एसटी छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी सक्रिय रूप से कार्रवाई करने लगा है। ईडी की देहरादून शाखा ने एक माह के भीतर दूसरी कार्रवाई करते हुए रुड़की में सेठ बिमल प्रसाद जैन एजुकेशनल ट्रस्ट की 5.62 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर दी। इससे पहले मार्च माह के अंत में ईडी रुड़की में टेकवर्ड वली ग्राम उद्योग विकास संस्थान की 1.45 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर चुका है।

धोखाधड़ी कर विभाग से प्राप्त की छात्रवृत्ति

ईडी अधिकारियों के मुताबिक, सेठ बिमल प्रसाद जैन एजुकेशनल ट्रस्ट रुड़की में फोनिक्स ग्रुप आफ इंस्टिट्यूशंस का संचालन करता है। अब तक की जांच में पाया गया कि संस्थान ने वर्ष 2011-12 से 2014-15 में समाज कल्याण विभाग से एससी/एसटी छात्रों के नाम पर धोखाधड़ी कर बड़ी राशि की छात्रवृत्ति प्राप्त की। छात्रों की ओर से झूठे दावे प्रस्तुत कर यह खेल किया गया। जांच में यह भी पता चला कि बड़ी धनराशि की छात्रवृत्ति प्राप्त कर उसे कालेज, ट्रस्ट के बैंक खातों समेत अन्य खातों में जमा कराया गया और बाद में उसकी नकद निकासी कर ट्रस्ट के खर्चों व अन्य मदों में प्रयोग किया गया। इस आधार पर ट्रस्ट की 5.62 करोड़ रुपये की संपत्ति के रूप में भवन व भूखंड को अटैच कर दिया गया है। शीघ्र ईडी कार्रवाई का दायरा बढ़ा सकता है।

मामले में हो चुकी हैं 60 से अधिक गिरफ्तारियां

हरिद्वार व देहरादून में समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी अब तक 30 से अधिक मुकदमे दर्ज कर चुकी है। इनमें 60 से अधिक कालेज संचालकों, समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों, कार्मिकों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। वहीं, 40 से अधिक आरोपितों के विरुद्ध अब तक चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।

 

लेखक के बारे में

Uttarakhand Jagran http://uttarakhandjagran.co.in

हम आपके आस-पास की खबरों और विचारों के लिए एक विश्वसनीय मार्गदर्शक के रूप में काम करेंगे। हम सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए देश और समाज से जुड़ी खबरें और सूचनाएं परोसेंगे। हमारी टीम डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन प्रकाशन का काम करती है।

संपर्क - गोवर्धन प्रसाद मनोरी
मोबाइल नंबर - +91-9548276184

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours