सरकार द्वारा गठित भू-कानून की ड्राफ्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट आज सीएम पुष्कर धामी को सौंप दी हैं। भू-कानून बनाने की उठ रही मांग के मद्देनजर के कमेटी गठित की गई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा है कि हमारी सरकार उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता के हित में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। और भू-कानून से संबंधित हम सभी पक्षों की राय लेते हुए प्रदेश के विकास व प्रदेशवासियों के कल्याण हेतु निर्णय लेंगे।
मुख्य सचिव रह चुके पूर्व आईएएस सुभाष कुमार की अध्यक्षता में 5 सदस्य वाली इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। श्री बद्रीकेदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भी सरकार से जमीनों की निरंकुश खरीद फरोख्त को लेकर शिकायत की थी और भू-कानून बनाने की मांग उठाई थी वे भी इस समिति के सदस्य हैं, माना जा रहा है कि हिमाचल के भू कानून से प्रेरित कुछ प्रावधान भी उत्तराखंड के भू-कानून में देखने को मिल सकते हैं।
क्योंकि उत्तराखंड में नए कानून को हिमाचल की तर्ज पर बनाए जाने की मांग भी उठती रही है, इस समिति की तरफ से हिमाचल के भू कानून का अध्ययन किया गया है, समिति की तरफ से इस कानून के लिए मांगे गए सुझावों में करीब 200 सुझाव मिले थे, इनमें अधिकतर में उत्तराखंड की तरह ही भौगोलिक परिस्थितियां होने के कारण हिमाचल के भू कानून को प्रदेश में लागू करने के सुझाव मिले थे।
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