शक्तिनगर। एमपी-यूपी बार्डर व सीमांचल क्षेत्र में रविवार को राख ढुलाई में लगे करीब 1000 हजार ओवरलोड ट्रक एवं ट्रेलरों को रोक दिया गया है। रेणुकूट में दस से 15 किलोमीटर क्षेत्र में चार दिनों से लगे जाम से मुक्ति दिलाने के लिए यह कोशिश की गई। इलाके में आबाद पावर प्रोजेक्ट के साथ सीमावर्ती क्षेत्र मध्यप्रदेश में स्थित पावर प्लांट से उत्सर्जित राख राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की सड़क परियोजनाओं में खपाई जा रही है। राख के सड़क परिवहन को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के दिशानिर्देशों को दरकिनार किए जाने से पैदा हालत से रूबरू होते हुए भी जिम्मेदारों की आंखें बंद हैं। इसका खामियाजा आम जनता के साथ मरीज, यात्री, कर्मचारी, छात्र भुगत रहे हैं। चार दिन से चल रहे जाम के वजह से बहुत लोगों की ट्रेनें व फ्लाइटें छूटीं। कर्मचारी समय से कार्य स्थल व छात्र वक्त से स्कूल नहीं पहुंच सके।
ऊर्जांचल की लाइफ लाइन माने जाने वाले शक्तिनगर-वाराणसी मार्ग पर जाम के कारण मरीजों को लेकर निकलीं एंबुलेंसों को भी जाम के चलते रास्ता बदलना पड़ा। जाम की गंभीर स्थिति पर सीएम सहित प्रदेश के मंत्री को तमाम ट्वीट के बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला। लेकिन, स्थिति इसलिए सामान्य नहीं हो पाई कि ओवरलोड ट्रक- ट्रेलरों को जीरो प्वाइंट्स पर रोका नहीं जा सका था। इसके बाद अधिकारियों ने समस्या से निजात पाने के लिए अधिकारियों के निर्देश पर ओवरलोड वाहनों को रोकने का कार्य शुरू किया। इसी के तहत शक्तिनगर पुलिस ने मध्यप्रदेश से राख लेकर यूपी में प्रवेश करने वाले वाहनों को रोक दिया। शक्तिनगर स्थित पावर प्रोजेक्ट के राख बांध पर भी ट्रक ट्रेलरों को खड़ा करा दिया। इसके पीछे रेणुकूट क्षेत्र में लगे जाम को कारण बताया जा रहा है। शक्तिनगर के प्रभारी निरीक्षक कुमुद शेखर सिंह ने बताया कि आदेश के बाद वाहनों को खड़ा करा दिया गया है। जाम की स्थिति सामान्य होने पर वाहनों को छोड़ा जाएगा।
सीएम का आदेश बेअसर
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ओवरलोड वाहनों को जीरो प्वाइंट्स पर रोके जाने का आदेश दिया था लेकिन यह राख ढुलाई में बेअसर हो गया है। ओवरलोड ट्रक, ट्रेलरों के चढ़ाई पर खराब होने से लग रहे जाम से जो हालात पैदा हुए इसका खामियाजा बड़ी आबादी भुगत रही है। इसके बावजूद जिले के परिवहन महकमे की नजर में सब ठीक है।
गिट्टी, बालू के लिए नियम, राख में मनमानी
शासन स्तर से मिले निर्देश पर गिट्टी, बालू के ओवरलोड पर अंकुश लगाने की कोशिश की गई। इसमें तय किया गया कि जिस जगह से वाहनों को ओवरलोड किया गया, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। इसके चलते इन खनिजों की ओवरलोड ढुलाई काफी हद तक रुक गई। इसके विपरीत राख की ढुलाई व लदान स्थल पर ओवरलोड करने के मामले में जिम्मेदारी तय नहीं किए जाने से सबकुछ अपने हिसाब से चल रहा है।
नौ वाहनों के खराब होने से लगा लंबा जाम
हाथीनाला से अनपरा के बीच में जगह-जगह नौ वाहनों के खराब होने के कारण लंबा जाम लगा हुआ है। एमपी बार्डर पर एक हजार वाहनों को रोके जाने के बाद भी जाम से राहत नहीं मिली। वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग पर धड़ल्ले से चल रही ओवरलोड राख लदी ओवरलोड वाहनों से जगह-जगह राख गिरने से भी जाम की समस्या बन जाती है। वहीं चढ़ाई वाले इलाकों में वाहनों के खराब होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। शनिवार की रात में से रविवार को पूरे दिन भी जाम लगा रहा।
रोडवेज बस चालक की पिटाई
जाम में रोडवेज बस चालक की पिटाई रेणुकूट क्षेत्र में वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग मार्ग पर चार दिनों से जाम लगा हुआ है। शनिवार की रात में पुलिस जाम खुलवाने में जुटी थी। इस बीच तुर्रा के स्थानीय लड़कों ने एक रोडवेज़ बस चालक की पिटाई कर दी। उस समय बस शक्तिनगर की तरफ जा रही थी। रोडवेज चालक को लहूलुहान स्थिति में अस्पताल ले जाकर उपचार कराया गया। चालक का नाम व पता नहीं चल सका है।
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