उत्तर प्रदेश

फायरिंग मामले में आदित्य उपाध्याय के किले भी ध्वस्त, जांच जारी

बरेली के पीलीभीत बाइपास पर प्लॉट पर कब्जे को लेकर हुई फायरिंग के मामले में अभी सिर्फ मुख्य आरोपी राजीव राना और दूसरे पक्ष के आदित्य उपाध्याय के किले ढहाए गए हैं। पूर्व विधायक समेत 14 लोगों की संपत्तियों की जांच चल रही है। इसमें कितनों के किले ढहाए जाएंगे, इस पर संशय बना हुआ है। बीडीए के अधिकारियों के मुताबिक घटना में शामिल सभी आरोपियों की संपत्ति की जांच चल रही है। पूर्व विधायक पप्पू भरतौल व अन्य की संपत्तियों का ब्योरा खंगाला जा रहा है। अवैध निर्माण पाए जाने पर उनका ध्वस्तीकरण कराया जाएगा।

राजीव राना गुट के केपी यादव का नाम इस कड़ी में सबसे आगे है। केपी ने ही राजीव राना से प्लॉट पर कब्जा करने का ठेका लिया था। गुंडों को जुटाने के लिए 30 लाख तक के सौदे की बात सामने आ रही है। अब बीडीए की नजर केपी यादव की संपत्तियों पर टिक गई है। सूत्रों के मुताबिक केपी का घर व एक अन्य बिल्डिंग बीडीए के निशाने पर है। माना जा रहा है कि जल्द ही इन पर बुलडोजर चल सकता है।

दोनों मुकदमों में नामजद

राजीव राना, रोहित ठाकुर, रोहित, संजय, हरिओम, राधे, आशीष, राजन, रोहित ठाकुर, केपी यादव, शिवम माथुर, राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल, आदित्य उपाध्याय, अभिराज, आदित्य का चौकीदार।

सभी आरोपियों की संपत्तियों की हो रही जांच: वीसी

बीडीए वीसी मनिकंडन ए ने बताया कि सभी नामजद आरोपियों की संपत्तियों की जांच की जा रही है। आरोपियों के रिश्तेदारों और परिचितों का ब्योरा भी तैयार किया जा रहा है। जिनके भी निर्माण मानक के विपरीत पाए जाएंगे, उन पर निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन वह सिर्फ विभाग के अभियान के तहत होगी। उसका घटना से कोई लेना-देना नहीं होगा।

सलाखों के पीछे पहुंचा राना

गोलीकांड का मुख्य आरोपी राजीव राना अपने दो बेटों, दो भाइयों व चालक सहित शुक्रवार को सलाखों के पीछे पहुंच गया। राना ने बुलडोजर कार्रवाई के दौरान बृहस्पतिवार को आत्मसमर्पण कर दिया था। उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने रात में ही उसके दो बेटों, दो भाइयों और चालक समेत छह को गिरफ्तार कर लिया था। शुक्रवार को सभी जेल भेज दिए गए। इस मामले में अब तक 25 लोग जेल जा चुके हैं। दूसरे पक्ष का आदित्य उपाध्याय व उसका बेटा अविरल पहले से जेल में हैं।

राना को रिमांड पर लेने की तैयारी

जेल भेजे जाने से पहले आरोपी राजीव राना से पूछताछ की गई थी। वह एक ही बात कहता रहा कि प्लॉट उसका है। उसके पास दस्तावेज भी हैं। लेकिन जिन बदमाशों के दम पर राना प्लॉट पर कब्जा लेना चाहता था, उनके पास असलहा और कारतूस कहां से आए? वारदात के बाद असलहे कहां छिपाए गए? राना के नाटकीय ढंग से सरेंडर करने के पीछे कौन हैं, इन सब सवालों के जवाब पुलिस को नहीं मिले हैं। ऐसे में पुलिस पूछताछ करने के लिए राना को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।

 

 

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