देहरादून: राज्य के मेडिकल कॉलेज और अस्पताल डॉक्टर के बिना वीरान होते चले जा रहे हैं जहां एक तरफ सचिव स्वास्थ्य आर राजेश कुमार तमाम योजनाए बना कर राज्यभर में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं तो वहीं चंद अधिकारियों के मिस मैनेजमेंट के चलते डॉक्टर दूसरे अस्पतालों में अपनी सेवाएं देने मजबूर हैं। ताजा मामला दून मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है जहां पर अब तक आधा दर्जन से ज्यादा डॉक्टर शहर के अलग-अलग अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं खुद स्वास्थ्य सचिव इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि वेतन की कमी के चलते डॉक्टर को इस प्रकार के कदम उठाने पड़े हैं उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसा ना हो इसके लिए डॉक्टर को पर्याप्त वेतन दिए जाने की व्यवस्था अपनाई गई है उन्होंने कहा कि जहां सरकार यू कोड वी पे के जरिए भी डॉक्टरों की कमी को पूरा करने का काम कर रही है तो वही मेडिकल कॉलेज में भी डॉक्टर को रुकाना सरकार की प्राथमिकता है।।
उत्तराखंड में मसाज पार्लर की आड़ में देह व्यापार का धंधा रोकने के लिए राज्य…
केदारनाथ:- केदारनाथ उपचुनाव के लिए जिले को 27 सेक्टर और दो जोन में बांटा गया…
देहरादून:- देहरादून करीब 01.33 AM पर ONGC चौक के पास वाहन दुर्घटना की सूचना थाना…
लखनऊ:- उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में लोगों की राह आसान करने के लिए 781…
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल के समर्थन में पहुंचे।…
दिल्ली:- दिल्ली के 1700 निजी स्कूलों के नर्सरी दाखिले की दौड़ 28 नवंबर से शुरू…