केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक्सप्रेसवे बनाने जा रही है। इससे न सिर्फ ईंधन की खपत में कमी आएगी बल्कि माल की ढुलाई में खर्च होने वाली लागत में भी कमी आएगी।
केंद्रीय मंत्री ने बुधवार को इंडिया एक्सपो मार्ट एंड सेंटर में चार दिन तक चलने वाले निर्माण मशीनों के महाकुंभ बाउमा कोनेक्सपो इंडिया-2024 के उद्घाटन समारोह में कही। उन्होंने कहा कि हमारी राजमार्ग विकास परियोजनाएं भारत के परिवहन नेटवर्क को नया रूप दे रही हैं।
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे और कश्मीर-कोंकण एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाएं यात्रा समय को कम कर रही हैं और लॉजिस्टिक्स की दक्षता बढ़ा रही हैं। 2025 तक लॉजिस्टिक्स लागत को 14-16 फीसदी से घटाकर 9 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस समय 39 एक्सप्रेसवे के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से तैयार दिल्ली से मुंबई एक्सप्रेस वे अगले वर्ष 2025 में बनकर तैयार हो जाएगा।
अगले दो महीनों में दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे का शुभारंभ करेंगे। यह सभी ग्रीन एक्सप्रेसवे बन रहे हैं। किसी भी उद्योग क्षेत्र में चार बातें महत्वपूर्ण हैं। सिद्ध तकनीक, आर्थिक व्यवहारिकता, कच्चे माल की उपलब्धता और तैयार माल के लिए बाजार। इस समय सरकार 70 लाख करोड़ मूल्य की परियोजनाओं पर काम कर रही है। जिसमें 5 लाख करोड़ की सालाना खर्च कर अभूतपूर्व गति से एक्सप्रेसवे बना रहे हैं।
जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को है घटना
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार 22 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन के आयात बिल को घटाने के लिए वैकल्पिक ईंधन जैसे एथेनॉल, बायोडीजल, एलएनजी, सीएनजी, हाइड्रोजन और मेथनॉल को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे प्रदूषण कम होगा और हम 2070 तक कार्बन न्यूट्रलिटी हासिल कर लेंगे। उन्होंने कहा कि निर्माण उपकरण उद्योग में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है , जो वार्षिक रूप से 1.35 लाख यूनिट उत्पादित करता है।
+ There are no comments
Add yours