देहरादून:- मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि जागेश्वर धाम मास्टर प्लान में क्षेत्र की यातायात व्यवस्था को आने वाले 30-40 सालों के अनुरूप विकसित किया जाए। आने वाले समय में जो क्षेत्र बॉटल नेक बन सकते हैं, उन्हें अभी से इस प्रकार से डिजाइन किया जाए कि यातायात बढ़ने के बाद भी जाम की संभावना कम हो। उन्होंने कहा कि आसपास के क्षेत्र में वन क्षेत्र होने के कारण ईको दूरिज्म की सम्भावनाएं भी तलाशी जाएं साथ ही बच्चों और युवाओं के अनुरूप ट्रेकिंग आदि की संभावनाएं भी तलाशी जाएं।
जागेश्वर धाम के पास वृद्ध जागेश्वर क्षेत्र को भी मास्टर प्लान में सम्मिलित करते हुए विकसित किया जाए। मुख्य सचिव ने प्रदेश भर में ऐसे दर्शनीय स्थलों को भी चिन्हित किए जाने के निर्देश दिए, जहाँ दूरबीन स्थापित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में ऐसे बहुत से व्यू प्वाइंट हैं जहाँ से हिमालय की पूरी श्रंखला दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा के दौरान गढ़वाल क्षेत्र में काफी भीड़ होती है, ऐसे में कुमाऊँ क्षेत्र विकसित हो जाने के बाद कुमाऊँ क्षेत्र के ऐसे धार्मिक और पर्यटक स्थल पर्यटकों के लिए अच्छा विकल्प हो सकते हैं।
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