कांग्रेस में ही नहीं बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग करके एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी को वोट डालने वाले एक कांग्रेस के विधायक चर्चाओं में है। वहीं कांग्रेस के विधायक की पहचान करने को लेकर कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है। ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी के अंदर छुपी ‘काली भेड़ रूपी माननीय विधायक जी’ की पहचान जल्दी ही कर ली जाएगी। फिलहाल तो उन एक ‘विधायक जी’ को लेकर
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कांग्रेस भवन में कुछ मीडियाकर्मियों के सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोटिंग गोपनीय मतदान के जरिये होती है और गोपनीय मतदान में ये पता नहीं चलता है कि किसने किसको वोट डाला है। लेकिन ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक की पहचान हो जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राष्ट्रपति के चुनाव में वोटिंग से पहले सभी कांग्रेस के विधायकों को पार्टी के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के पक्ष में वोट देने को लेकर चर्चा हो चुकी थी। इसके बावजूद भी एक विधायक ने क्रॉस वोटिंग करके पार्टी के आदेश की अवहेलना की है, उन्होंने कहा कि पार्टी का आदेश सबको मानना चाहिए, और ये क्रॉस वोटिंग के मामले को पार्टी ने गंभीरता से लिया है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में कुल 70 विधायकों की विधानसभा में बीजेपी 47 विधायक हैं और 2 बीएसपी और 2 निर्दलीय मिलाकर 51 वोट बीजेपी के बनते हैं, लेकिन वोटिंग वाले दिन मंत्री चंदन रामदास बीमारी के कारण अस्पताल में एडमिट रहे और वोट नहीं डाल पाए। उसके बावजूद काउंटिंग में द्रौपदी मुर्मू को 51 विधायकों के वोट निकले हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस के कुल 19 विधायक उत्तराखंड विधानसभा में हैं, जिनमें से तिलकराज बेहड़ और राजेंद्र भंडारी स्वास्थ्य खराब होने के चलते देहरादून से बाहर रहने के कारण वोट नहीं डाल पाए, यानी सिर्फ 17 विधायकों ने ही वोट डाला था, इनमें से एक वोट खराब होने से निरस्त हो गया था। इस हिसाब से राष्ट्रपति के चुनाव की काउंटिंग में उत्तराखंड से कांग्रेस के यशवंत सिन्हा को 16 वोट मिलने चाहिए थे लेकिन 15 वोट ही मिले हैं। किसी एक विधायक ने क्रॉस वोटिंग की है। इसी को लेकर कांग्रेस में माहौल गरमा रहा है।
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