समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए धामी सरकार ने कमर कस ली है, सीएम धामी का कहना है कि देरी बस गठित समिति के काम पूरा करने की है, जैसे ही समिति का कार्य पूरा होगा, उत्तराखंड सरकार इसे लागू करने की दिशा में तेजी से काम करेगी, सीएम ने ये भी बताया कि हमने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए 6 महीने की डेड लाइन तय की है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले भी पुष्कर सिंह धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता की वकालत की थी, उन्होंने प्रदेश में फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने पर समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में कार्य शुरू करने की घोषणा की थी।
समान नागरिक संहिता भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में अहम मुद्दा रहा है, जिसके बाद उत्तराखंड में इस पर खूब राजनीति बहस हुई। खुद की सीट से चुनाव हारने के बाद भी धामी ने कहा था वो चाहे मुख्यमंत्री बनें या नहीं, फिर भी भाजपा सरकार राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करेगी, लेकिन पार्टी हाईकमान द्वारा उन पर विश्वास जताते हुए उन्हें दोबारा मौका दिया गया। इस मामले में वो लगातार अपनी बात पर कायम दिखाई दिए हैं।
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