शिविर में किसानों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित, भारतीय किसान यूनियन पदाधिकारियों की बड़ी पहल

उत्तराखंड:-  भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की समस्याओं के निदान के लिए 100 दिन का एजेंडा तैयार किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर आंदोलन भी किया जाएगा। इसका ऐलान मंगलवार को किया जाएगा। कहा कि उत्तराखंड से पलायन हो रहा है, लेकिन पहाड़ों में जमीन महंगी है, साजिश यह है कि पहाड़ की जमीन भी बाहर के लोग जाकर लेंगे, वह होटल बनाकर टूरिज्म से पैसा कमाएंगे, जो बड़ी कपंनियों पर जाएगा।  धर्मनगरी में चल रहे यूनियन के राष्ट्रीय चिंतन शिविर (किसान महाकुंभ) पहुंचे राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि चिंतन शिविर में किसानों की समस्याओं के हल के लिए पदाधिकारियों की ओर से रणनीति बनाई जा रही है। इसमें 100 दिन का एजेंडा तैयार किया जा रहा है। अगर जरूरत पड़ेगी तो देशभर में आंदोलन भी किए जाएंगे। 100 दिन के एजेंडे की घोषणा मंगलवार को चिंतन समापन के दिन की जाएगी, जिसमें मुफ्त बिजली किसानों को देने और बिजली बिलों में आ रही गड़बड़ियों और नलकूपों पर लगाए जा रहे मीटरों के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।

कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों की जमीन को किसानों से छीनकर उद्योगपतियों को दी जा रही है, जो किसान इसका विरोध करता है, उसे नक्सली बताकर गोली से मार दिया जा रहा है। नया रायपुर बसाया जा रहा है, लेकिन किसानों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है, जिससे छत्तीसगढ़ में आंदोलन किया जाएगा।  कहा कि उत्तराखंड में पलायन रोकने के लिए हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर विलेज टूरिज्म बनाया जाए, जिससे किसान अपने घर पर ही कमरे बनाकर किराए पर दे सकें। पहाड़ों में चकबंदी हो, पानी का साधन हो। जंगली जानवरों से निजात मिले। इससे किसान पहाड़ों पर रुकेंगे और पलायन रुकेगा।  चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि देश में अब मोदी की नहीं, गठबंधन की सरकार है। नई सरकार से किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए बातचीत की जाएगी, जिसमें फसलों के उचित दाम किसानों को दिलाने समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। देश में संयुक्त मोर्चा बन गया है। इसमें संगठन आ रहे हैं, जो संगठन रह गए हैं, वो भी आ जाएंगे। कहा कि स्वामी नाथन की रिपोर्ट 19 सालों में लागू नहीं की गई है तो किसान आयोग क्या कर लेगा, क्योंकि, सरकार कानून बदल देती है, इसलिए, स्वामी नाथन की रिपोर्ट लागू, एमएसपी गारंटी कानून लागू किया जाए। भाकियू के राष्ट्रीय चिंतन शिविर में प्रदेश के किसानों ने उत्तराखंड को सूखा घोषित करने की मांग की।

भाकियू के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी ने कहा कि बारिश नहीं होने से किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। इसलिए प्रदेश सरकार को सूखा घोषित करना चाहिए, प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए मुआवजा राशि देने के साथ ही बिजली बिलों और कर्जा को सरकार माफ करे। हरिद्वार में चल रहे किसान संगठनों के शिविरों से करीब दो सप्ताह से वीआईपी घाट और लाल कोठी पर किसानों का कब्जा है। जिस वीआईपी घाट पर बिना अनुमति के कोई अंदर प्रवेश नहीं कर सकता है। उस पर किसानों की ओर से टेंट, तंबू लगाए गए हैं। किसानों की ओर से भंडारा किया जा रहा है। ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की लाइन लगी हुई हैं। लोगों को वीआईपी घाट पर भी जाने से नहीं रोका जा रहा है। कोई भी जाकर वीआईपी घाट पर गंगा स्नान कर रहा है, जिससे वीआईपी घाट सामान्य बना हुआ है।

 

लेखक के बारे में

Uttarakhand Jagran http://uttarakhandjagran.co.in

हम आपके आस-पास की खबरों और विचारों के लिए एक विश्वसनीय मार्गदर्शक के रूप में काम करेंगे। हम सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए देश और समाज से जुड़ी खबरें और सूचनाएं परोसेंगे। हमारी टीम डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन प्रकाशन का काम करती है।

संपर्क - गोवर्धन प्रसाद मनोरी
मोबाइल नंबर - +91-9548276184

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours