देहरादून:- महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले प्रो. एचटी थोराट एनआईटी में नवंबर 2011 में निदेशक बने थे और अक्तूबर 2016 में सेवानिवृत्त हुए। उनके कार्यकाल में वर्ष 2013-14 में एक एजेंसी के माध्यम से हवाई टिकटों की खरीद की गई थी। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) उत्तराखंड के पूर्व निदेशक प्रो. एचटी थोराट के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। प्रो. थोराट पर निदेशक पद पर रहते हुए हवाई टिकटों की खरीद में हेराफेरी करने का आरोप है। कोतवाली श्रीनगर पुलिस ने एनआईटी के कुलसचिव की तहरीर पर पूर्व निदेशक के खिलाफ धाेखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसएसआई संतोष पैथवाल को जांच सौंपी गई हैमहाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले प्रो. एचटी थोराट एनआईटी में नवंबर 2011 में निदेशक बने थे और अक्तूबर 2016 में सेवानिवृत्त हुए। उनके कार्यकाल में वर्ष 2013-14 में एक एजेंसी के माध्यम से हवाई टिकटों की खरीद की गई थी। इसकी सीबीआई जांच हुई थी।
मार्च-अप्रैल 2022 में सीबीआई ने पूर्व निदेशक सहित पांच लोगों के खिलाफ हवाई टिकटों की खरीद में हेराफेरी की पुष्टि करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को कार्रवाई की संस्तुति भेजी थी। मई-जून 2022 में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एनआईटी उत्तराखंड प्रशासन को संस्थान से सेवानिवृत्त हो चुके लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और सेवारत लोगों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
इसके बाद एनआईटी प्रशासन ने कोतवाली में तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एनआईटी प्रशासन से मामले में प्रगति रिपोर्ट तलब की। इसके बाद एनआईटी के कुलसचिव डॉ. धर्मेंद्र त्रिपाठी ने कोतवाली श्रीनगर को रिमाइंडर भेजा। इसके बाद पुलिस ने हरकत में आते हुए संस्थान के पूर्व निदेशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर ली है।
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