देश-विदेश

सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता दुष्कर्म और हत्या मामले की सुनवाई, कपिल सिब्बल ने पश्चिम बंगाल सरकार की स्थिति रिपोर्ट पेश की

कोलकाता में चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या मामले से संबंधित याचिका पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले की जांच को लेकर स्टेटस रिपोर्ट पेश की। बंगाल सरकार ने भी कोर्ट को स्थिति रिपोर्ट सौंपी है। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है। इसमें बताया गया है कि जब डॉक्टर काम नहीं कर रहे थे, तब 23 लोगों की मौत हो गई।

सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से आरजी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के आवास और अस्पताल के बीच की दूरी के बारे में पूछा। एसजी मेहता ने जवाब दिया, ‘लगभग 15-20 मिनट का’। एसजी मेहता ने मामले की सुनवाई के दौरान जोर देकर कहा कि वह हम सबकी बेटी है। मामले में दोषियों को जल्द जल्द सज दी जानी चाहिए।  सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अप्राकृतिक मौत की रिपोर्ट दर्ज करने के समय पर स्पष्टीकरण मांगा। सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र दोपहर 1:47 बजे दिया गया, अप्राकृतिक मौत की एंट्री पुलिस स्टेशन में दोपहर 2:55 बजे की गई। सुप्रीम कोर्ट ने तलाशी और जब्ती के बारे में जानना चाहा। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शाम 8:30 बजे से 10:45 बजे तक जवाब दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज सीबीआई को सौंपे गए थे। एसजी मेहता ने जवाब दिया, ‘हां’। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या रात 8:30 से 10:45 बजे तक की गई तलाशी और जब्ती प्रक्रिया की फुटेज सीबीआई को सौंपे गए? इस पर एसजी मेहता ने जवाब दिया कि कुल 27 मिनट के 4 क्लिप सीबीआई को सौंपे गए। एसजी ने कहा कि सीबीआई ने नमूने एम्स और अन्य केंद्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला को भेजने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सोमवार को सुनवाई की। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने 22 अगस्त को महिला चिकित्सक की अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने में देरी को लेकर कोलकाता पुलिस से नाराजगी जताई थी। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की प्रशिक्षु पीजी चिकित्सक के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी।

कोर्ट ने इसे बेहद परेशान करने वाली घटना बताया था। कोर्ट ने घटनाक्रम और प्रक्रियागत औपचारिकताओं के समय पर सवाल उठाए थे। शीर्ष कोर्ट ने चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों की सुरक्षा के लिहाज से प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) का गठन किया था। कोर्ट ने घटना को भयावह करार देते हुए प्राथमिकी दर्ज करने में देरी पर राज्य सरकार से भी अप्रसन्नता जाहिर की थी।

 

Uttarakhand Jagran

हम आपके आस-पास की खबरों और विचारों के लिए एक विश्वसनीय मार्गदर्शक के रूप में काम करेंगे। हम सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए देश और समाज से जुड़ी खबरें और सूचनाएं परोसेंगे। हमारी टीम डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन प्रकाशन का काम करती है। संपर्क - गोवर्धन प्रसाद मनोरी मोबाइल नंबर - +91-9548276184

Recent Posts

दर्दनाक हादसा: तेज रफ्तार स्कॉर्पियो पेड़ से टकराई, चार की मौत, तीन गंभीर घायल

बिजनाैर जनपद के नहटौर में तेज रफ्तार स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। घटना…

1 hour ago

अब उत्तराखंड में अपनी जमीन पर घर बनाने वालों को मिलेगा 2.25 लाख रुपये, प्रधानमंत्री आवास योजना में बदलाव

प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत राज्य में अपनी जमीन पर घर बनाने वालों को…

2 hours ago

हादसा: चलते हुए वाहन में आग लगने से चालक को पुलिस और दमकल कर्मियों ने बचाया

हरिद्वार धनौरी कलियर के बीच दो सड़कों पर एक चलती कार में अचानक से आग…

3 hours ago

दिल्ली जल बोर्ड और नगर निगम पर एनजीटी ने पर्यावरणीय उल्लंघन पर 50 करोड़ का जुर्माना लगाया

उत्तराखंड:-  राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने बृहस्पतिवार को पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने पर दिल्ली…

20 hours ago

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिथौरागढ़ में पूर्व सैनिकों के लंगर में शामिल होकर उनके योगदान को सराहा

उत्तराखंड:-  पिथौरागढ़ में आयोजित सेना भर्ती के दौरान पूर्व सैनिकों द्वारा युवाओं के लिए लगाए…

20 hours ago

उत्तराखंड सरकार का बड़ा कदम: प्रशिक्षकों के मानदेय में वृद्धि, खिलाड़ियों के व्यय में बदलाव

उत्तराखंड:-  सरकार ने 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए संशोधित शासनादेश जारी किया है। इसके तहत…

21 hours ago