प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने कर्नाटक के बेंगलुरु में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन मंथन में प्रतिभाग कर राज्य में टनल्स और पहाडों पर सीमेंटेड सड़कों के निर्माण की पैरवी की।
कर्नाटक के बेंगलुरु में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन मंथन शुभारंभ अवसर पर गुरुवार को प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने प्रतिभाग कर राज्य की ओर प्रतिनिधित्व किया। 8 और 9 सितम्बर 2022 तक चलने वाले इस मंथन शिविर में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री भाग ले रहे हैं। अवसर पर लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि बेंगलुरु में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन मंथन में सभी राज्यों के दूरस्थ क्षेत्रों के लिए अंतिम मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के साथ साथ राज्य में सड़कों के निर्माण में नई तकनीकी के इस्तेमाल और सुरक्षा की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।
लोकनिर्माण मंत्री सतपाल महाराज उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए अपना मंतव्य प्रकट करते हुए कहा कि पहाड़ों में अधिकांश स्थानों पर गांव सड़कों के ऊपर बसे हैं जिस कारण वायब्रिंग होती है और गांव को खतरा उत्पन्न होता है। उन्होंने जनपद पौड़ी के गुमखाल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पर भी यही स्थिति उत्पन्न हो रही है इसलिए नेशनल हाईवे निर्माण मानकों में स्थित है बता देते हुए 24 मीटर के स्थान पर 14 मीटर एक्वायर किया जाए जिससे कि गांव बचे रहें।
मंत्री सतपाल महाराज ने इस अवसर पर कहा कि मंथन में उच्च तकनीक जानकारी दी जा रही है जो कि हमारे उत्तराखंड के लिए बहुत उपयोगी है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड के अंदर टनल्स बने ताकि लोग शीघ्रता के साथ अपने गंतव्य तक पहुंच सके। नई तकनीक को लेकर हमें कार्बन कंटेंट को कम कर करना है। निश्चित रूप से मंथन शिविर में बताई गई नई तकनीक के समावेश से हमारे पहाड़ों में सड़कों का समुचित विकास संभव हो पाएगा।
प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि हम चाहते हैं कि पहाड़ों पर सीमेंटेड सड़कें बने जिससे हिमपात वाले स्थानों में हमारी सड़कें शुद्र ग्रह और यातायात सुचारू रूप से चल सके। सतपाल महाराज ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इस आयोजन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस मंथन में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अनुभव व एक दूसरे के सहयोग पर भी चर्चा की गई जिससे कि मंत्रालय और गडकरी की एक सकारात्मक पहल कहा जा सकता है।
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