चमत्कारी बचाव: बुराड़ी में मलबे से 4 लोग 2 दिन बाद सुरक्षित निकले, जानिए पूरी कहानी

जाको राखे साईंया मार सके ना कोय… कुछ ऐसा ही बुराड़ी इलाके के कौशिक एंक्लेव में देखने को मिला। यहां चार मंजिला मकान गिरने के बाद एक परिवार के चार लोगों को दो दिन बाद मलबे से सही हालत में निकला गया है। दंपति और उनके दो बच्चे फिलहाल ठीक है। उनको जांच के लिए अस्पताल भेजा गया है। दरअसल, एक सिलेंडर और लेटर के बीच बने स्पेस में परिवार ने किसी तरह दो दिन काटे, मंगलवार रात तीन बजे बचाव दल ने इनको सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

बुराड़ी स्थित कौशिक एंक्लेव में सोमवार शाम चार मंजिला इमारत के जमींदोज होने से दो नाबालिग बहनों समेत पांच लोगों की मौत हो गई। राहत और बचाव कार्य के दौरान मंगलवार को इनके शव मलबे से निकाले गए। वहीं, मंगलवार रात तीन बजे बचाव दल ने चार लोगों को दो दिन बाद मलबे से सही हालत में निकला। इससे पहले हादसे में घायल 12 लोगों का एलएनजेपी, ट्रामा सेंटर और बुराड़ी के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। इसमें से चार लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त राजा बंठिया ने बताया कि बिल्डर योगेंद्र भाटी व अन्य के खिलाफ गैर इरातन हत्या व गैर इरातन हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। मंगलवार शाम उसको गिरफ्तार कर लिया गया।

जिला पुलिस उपायुक्त ने बताया कि मृतकों की शिनाख्त बुंदेलखंड, मध्य प्रदेश निवासी राधिका (7), उसकी बहन साधना (17), अनिल कुमार गुप्ता (42), भागलपुर, बिहार निवासी कादिर (40) और सरफराज (20) के रूप में हुई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कौशिक एंक्लेव की गली नंबर-23 में बिल्डर योगेंद्र भाटी का 200 गज का मकान था। मकान पहले से एक मंजिल बना था। आरोप है कि बिल्डर ने उसी पुराने कंस्ट्रक्शन पर चार मंजिला इमारत खड़ी की थी।

पिछले करीब एक साल से काम चल रहा था।
काम करने वाले सभी मजदूर इसी निर्माणाधीन इमारत में रह रहे थे। इस बीच सोमवार शाम करीब 6.30 बजे पूरी इमारत ताश के पत्तों की तरह जमींदोज हो गई। मौके पर बचाव दल पहुंचा। मंगलवार हादसे के 30 घंटे बाद भी राहत और बचाव कार्य जारी है।

बुनियाद थी कमजोर, बिल्डर ने बना दी चार मंजिल
स्थानीय लोगों का कहना है कि बिल्डर योगेंद्र ने पैसे बचाने के चक्कर में कई लोगों की जान ले ली। जिस प्लाॅट पर चार मंजिला इमारत खड़ी की गई थी। वहां एक मंजिला जर्जर मकान पहले से बना था। योगेंद्र ने उसी जर्जर ढांचे पर चार मंजिला इमारत खड़ी दी। इमारत वजन नहीं सह पाई और जमींदोज हो गई। चूंकि सभी मजदूर इसी इमारत में रह रहे थे, इसलिए वह हादसे का शिकार हो गए।

 

लेखक के बारे में

Uttarakhand Jagran http://uttarakhandjagran.co.in

हम आपके आस-पास की खबरों और विचारों के लिए एक विश्वसनीय मार्गदर्शक के रूप में काम करेंगे। हम सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए देश और समाज से जुड़ी खबरें और सूचनाएं परोसेंगे। हमारी टीम डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन प्रकाशन का काम करती है।

संपर्क - गोवर्धन प्रसाद मनोरी
मोबाइल नंबर - +91-9548276184

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours