उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में लगभग दो महीने की कक्षाएं चल चुकी हैं। लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण छात्र और छात्राओं को इन 2 महीनों में बिना किताबों के ही पढ़ाई करनी पड़ी।किताबें ना बांटने के कारण लगभग 600 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया।
राज्य के सरकारी स्कूलों में नई कक्षाओं के साथ ही निशुल्क किताबों का वितरण होना था। लेकिन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही के कारण गर्मियों की छुट्टियां भी पड़ गई लेकिन किताबों का वितरण नहीं किया गया। जिसकी जानकारी शिक्षा विभाग के महानिदेशक को मिली और 600 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया जिसके बाद पूरे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
शिक्षा विभाग की इस लापरवाही पर महानिदेशक ने संज्ञान लेते हुए वेतन पर रोक लगा दी है। जिसके बाद शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने निर्देश जारी किए हैं कि 1 हफ्ते के अंदर सभी छात्र छात्राओं के घर जाकर किताबों का वितरण किया जाए और इसका प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही वेतन दिया जाएगा।
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