उत्तराखण्ड

चारधाम यात्रा के किराए में वृद्धि की संभावना, श्रद्धालुओं को होगा आर्थिक बोझ

देहरादून:-  चारधाम यात्रा इस बार श्रद्धालुओं की जेब पर कुछ अतिरिक्त भार डाल सकती है। इस वर्ष 30 अप्रैल को यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू होने वाली चारधाम यात्रा में बसों और टैक्सी-मैक्सी कैब का किराया 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।इसके अलावा डीजल, बीमा राशि और अन्य खर्चों में वृद्धि का तर्क देते हुए चारधाम यात्रा में वाहनों का संचालन करने वाली संयुक्त रोटेशन ने सरकार के सामने किराये में वृद्धि करने की मांग रख दी है। संयुक्त रोटेशन का कहना है कि सरकार ने पौने तीन वर्ष पहले जुलाई-2022 में बसों समेत टैक्सी-मैक्सी का किराया तय किया था, जिसमें अब बदलाव किया जाए।

वहीं संयुक्त रोटेशन की मांग पर परिवहन विभाग के अधिकारियों ने किराये में संशोधन पर मंथन शुरू कर दिया है। राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) जल्द इस प्रकरण में निर्णय ले सकता है। परिवहन विभाग की ओर से वर्ष-2022 में पहली बार चारधाम यात्रा के लिए वाहनों का किराया अलग से तय किया गया था। प्रदेश में संचालित सामान्य व्यावसायिक वाहनों से अलग मानकर चारधाम यात्रा के वाहनों का किराया वाहन की श्रेणी के हिसाब से निर्धारित किया गया था। इसमें टैक्सी की कीमत के हिसाब से उसकी श्रेणी तय की गई है। आठ लाख रुपये तक कीमत की टैक्सी को साधारण, आठ से 15 लाख तक कीमत वाली टैक्सी को डीलक्स, 15 से 25 लाख रुपये तक की टैक्सी को लग्जरी जबकि 25 लाख रुपये से अधिक कीमत की टैक्सी को सुपर लग्जरी श्रेणी में रखा गया है।

श्रेणी के अनुसार, इनका किराया व प्रतीक्षा शुल्क भी निर्धारित किया गया था। संयुक्त रोटेशन पिछले वर्ष भी 10 प्रतिशत किराया वृद्धि की मांग पर अड़ा हुआ था, मगर लोकसभा चुनाव के चलते तब राज्य सरकार ने किराया वृद्धि करने से मना कर दिया था। इस बार ट्रांसपोर्टर किराया वृद्धि करने की जिद पर अड़े हुए हैं। ऐसे में सरकार बीच का रास्ता निकाल सकती है, जिससे ट्रांसपोर्टराें को भी परेशानी न हो और यात्रियों की जेब पर भी अधिक अतिरिक्त बोझ न पड़े।

वर्तमान व्यवस्था में परिवहन विभाग ने टैक्सी का न्यूनतम किराया किमी के हिसाब से तय किया हुआ है। इसमें 80 किमी से कम संचालन होने पर 80 किमी का किराया देना होता है, जबकि 80 किमी से ऊपर संचालन होने पर प्रति किमी के हिसाब से किराया लिया जा रहा। आठ घंटे तक कोई प्रतीक्षा शुल्क नहीं लिया जा रहा जबकि एक दिन में 200 किमी से अधिक संचालन पर भी प्रतीक्षा शुल्क नहीं है।

डीजल की कीमत से लेकर बीमा, टैक्सी व उपकरण संबंधी खर्च में वृद्धि होने का दावा करते हुए ट्रांसपोर्टरों ने किराया वृद्धि की मांग की है। राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने जुलाई-2022 में सार्वजनिक वाहनों के लिए किराये की नई दरें लागू की थी। ट्रांसपोर्टरों की मांग पर उच्चाधिकारियों के साथ मंथन किया जा रहा है। विभाग के लिए श्रद्धालुओं की सुविधा व सेवा प्राथमिकता है। ट्रांसपोर्टरों ने कुछ और मांगें भी रखी हैं, जिन पर परिवहन मुख्यालय को पत्र भेजा जा रहा है। – सुनील शर्मा, आरटीओ प्रशासन व चारधाम यात्रा नोडल अधिकारी

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