उत्तराखंड राज्य वन विकास निगम में घपला, लालकुआं डिपो पर सामने आए करोड़ों के वित्तीय अनियमितताओं के मामले

उत्तराखंड:-  उत्तराखंड राज्य वन विकास निगम के लालकुआं डिपो चार व पांच में करोड़ों रुपये के घपले का मामला सामने आया है। निगम की विशेष आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया है कि डिपो में लकड़ी की अवैध निकासी, गबन और वित्तीय अनियमितता की गई है। वन मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक प्रकरण की एसआईटी से जांच कराई जा रही है। निगम की विशेष आंतरिक रिपोर्ट के मुताबिक आंतरिक संपरीक्षा अधिकारी के नेतृत्व में दल ने 25 अगस्त से 21 सितंबर 2023 के बीच लालकुआं डिपो 4 में उपलब्ध कराए गए अभिलेखों की जाच के दौरान पाया कि लेजर तैयार करने में नियमों का पालन नहीं हुआ। लेजर में नीलाम व तिथिवार क्रम में खतौनी नहीं मिली। यह भी पाया गया कि लाट का मूल्य, जीएसटी की खतौनी में लाट संख्या का उल्लेख नहीं है। क्रेताओं के खातों में विक्रय मूल्य एवं टैक्स मद में पूरी धनराशि प्राप्त किए बिना एक करोड़ 79 लाख से अधिक के बिल जारी किए गए। क्रेताओं के खातों में दिखाई गई 27 लाख से अधिक की क्रेडिट धनराशि का समायोजन नहीं किया गया।

विभाग के राजस्व के गबन का भी मामला सामने आया है। नीलाम में जिस लाट को 26800 रुपये में बेचा गया। जिसकी मास्टर कॉपी में भी यही धनराशि दर्ज हैं, लेकिन विक्रय लाट रजिस्टर में फ्लूड लगाकर ओवरराइटिंग करते हुए विक्रम मूल्य 198000 अंकित कर निगम को 70 हजार रुपये की क्षति पहुंचाई गई। अन्य लाटों की नीलामी में भी इस तरह के प्रकरण ऑडिट में पकड़ में आए हैं। वहीं, एक प्रकरण में सबसे बड़े डिपो में से एक लालकुआं डिपो 4 के लेखाकार पद का दायित्व चतुर्थ श्रेणी से स्केलर पद पर पदोन्नत कर्मचारी को नियमों को ताक पर रखकर दिया गया। उत्तराखंड वन विकास निगम कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष टीएस बिष्ट के मुताबिक निगम में 6 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी का मामला सामने आया है।

निगम के करोड़ों रुपये के राजस्व, जीएसटी और टीडीएस का गबन किया गया है।उत्तराखंड वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक हरीश पाल ने 3 मई 2024 को प्रभागीय विक्रय प्रबंधक हल्द्वानी को पत्र लिखकर ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि लालकुआं डिपो संख्या 4 और 5 में राजस्व हानि, अवैध निकासी, गबन और वित्तीय अनियमितता प्रकाश में आई। प्रकरण में दोषी कर्मचारियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाए।  निगम में किसी भी तरह की अनियमितता पर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रकरण में एसआईटी को जांच के आदेश दिए गए हैं। –सुबोध उनियाल, वन मंत्री

लेखक के बारे में

Uttarakhand Jagran http://uttarakhandjagran.co.in

हम आपके आस-पास की खबरों और विचारों के लिए एक विश्वसनीय मार्गदर्शक के रूप में काम करेंगे। हम सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए देश और समाज से जुड़ी खबरें और सूचनाएं परोसेंगे। हमारी टीम डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन प्रकाशन का काम करती है।

संपर्क - गोवर्धन प्रसाद मनोरी
मोबाइल नंबर - +91-9548276184

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours