उत्तर प्रदेश:- लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और बिहार के सह प्रभारी ने हाथ का साथ छोड़ दिया है। उन्होंने दिल्ली में भाजपा का दामन थाम लिया है। जानकारी के अनुसार, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और बिहार के सह प्रभारी अजय कपूर ने आज भाजपा का दामन थाम लिया है। अजय कपूर राहुल गांधी के करीबी माने जाते थे। अजय कपूर यूपी में कांग्रेस के बड़ा चेहरा थे।
कांग्रेस उन्हें कानपुर से अपना लोकसभा प्रत्याशी बनाना चाहती थी। अजय कपूर उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के रिश्तेदार हैं। बड़े उद्योगपति भी हैं। 2002 में पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद लगातार तीन चुनावों में उन्होंने जीत दर्ज की थी। वह 2002 से 2017 तक विधायक रहे हैं। अजय कपूर कानपुर की गोविंद नगर और किदवई नगर सीट से विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और कानपुर पार्टी के कद्दावर नेता माने जाने वाले अजय कपूर के भारतीय जनता पार्टी में जाने से कांग्रेस में दमदार नेताओं की जगह खाली हो गई है। यह इसलिए भी कहा जा सकता है, क्योंकि कांग्रेस के कानपुर से बड़े नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल अब पूरी तरह कांग्रेस के राजनीति से बाहर हो चुके हैं।
वह स्वास्थ्य और अधिक उम्र की वजह से पार्टी में काफी दिनों से सक्रिय नहीं हैं। अजय कपूर के जाने से कांग्रेस में एक नई बात यह होगी कि अब कांग्रेस पार्टी में नए नेताओं को आगे आने का मौका मिलेगा। इधर अजय कपूर के भाजपा में आ जाने से स्थानीय इकाई में भी खींचतान मचेगी। अजय कपूर, क्योंकि तीन बार के विधायक रहे है और लगातार चुनाव भी लड़ते आए हैं। ऐसे में वह भाजपा में भी पूरी कोशिश करेंगे की उन्हें कोई मजबूत जगह मिले। ऐसे में अजय कपूर के भाजपा में आने से भाजपाइयों में जहां पार्टी का कुनबा बढ़ने की खुशी है। वहीं पर पार्टी के जो लोग आने वाले समय में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं उनके अंदर कस मकस भी है।
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