देहरादून: पहाड़ों में लगातार हो रही भारी बारिश से नदियों में गाद (सिल्ट) की मात्रा तेजी से बढ़ गई है, जिससे बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। बुधवार-बृहस्पतिवार की रात गाद की अधिकता के कारण चार जल विद्युत परियोजनाओं को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा, जिससे प्रदेश में अचानक बिजली संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) ने अन्य स्रोतों से बिजली की आपूर्ति कर स्थिति को संभाल लिया।
यूपीसीएल प्रबंधन के अनुसार, बृहस्पतिवार की रात 12 बजे से 2 बजे तक छिबरो और खोदरी परियोजनाएं बंद रहीं। छिबरो से लगभग 200 मेगावाट और खोदरी से 90 मेगावाट बिजली प्राप्त होती है। इसी तरह धरासूं परियोजना रात 12 बजे से सुबह 7:30 बजे तक और मनेरी परियोजना रात 12 बजे से सुबह 8:30 बजे तक बंद रही। धरासूं से 299 मेगावाट और मनेरी से 90 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती है।
रात 12 बजे के बाद इन चारों परियोजनाओं के बंद होने से यूपीसीएल को कुल 679 मेगावाट बिजली की आपूर्ति बंद हो गई। हालांकि संकट को देखते हुए यूपीसीएल ने तुरंत वैकल्पिक स्रोतों से बिजली की व्यवस्था कर ली।
यूपीसीएल के निदेशक (परियोजना) अजय अग्रवाल ने बताया कि किसी भी क्षेत्र में बिजली कटौती नहीं की गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब नदियों में अचानक गाद की मात्रा बढ़ जाती है, तो यूजेवीएनएल (उत्तराखंड जल विद्युत निगम) अपनी मशीनों को नुकसान से बचाने के लिए उत्पादन अस्थायी रूप से रोक देता है। जैसे ही गाद की मात्रा सामान्य होती है, बिजली उत्पादन दोबारा शुरू कर दिया जाता है।
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