देहरादून: उत्तराखंड में वीडीओ-वीपीडीओ भर्ती 2016 में धांधली को लेकर एसटीएफ ने छह और आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। मंगलवार को एसटीएफ ने यूकेएसएसएससी के पूर्व अध्यक्ष आरबीएस रावत, सचिव मनोहर कन्याल, एग्जाम कंट्रोलर आरएस पोखरिया सहित आरएमएस कंपनी के डायरेक्टर राजेश चौहान, संजीव चौहान और विपिन बिहारी के खिलाफ कोर्ट में करीब साढ़े चार हजार पेज की चार्जशीट दाखिल की।
मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ पहले हो चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। वहीं, एसटीएफ का कहना है हाकम सिंह, केंद्रपाल और चंदन मनराल के खिलाफ जल्द चार्जशीट दााखिल की जाएगी।
बता दें कि यह भर्ती परीक्षा वर्ष 2016 में आयोजित हुई थी। इस मामले में विजिलेंस ने 2020 में मुकदमा दर्ज किया था। वहीं, 2022 में यह मामला एसटीएफ को ट्रांसफर कर दिया गया था।
दिल्ली :- देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के चलते हालात गंभीर बने हुए हैं।…
संभल:- संभल में जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताने के दावे के बाद से पुलिस…
ऋषिकेश :- ऋषिकेश गंगा किनारे अश्लील वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोप में थाना…
उत्तराखंड:- ओएनजीसी चौक पर हुए हादसे का संज्ञान सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी मानीटरिंग कमेटी…
उत्तराखंड:- चारधाम यात्रा और पर्यटन गतिविधियां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य की…
ऋषिकेश:- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अब बच्चों की हर गंभीर बीमारी का उपचार…
View Comments
Two eyewitnesses, currently residing in Lucknow and former employees of the company managing the OMR sheets, provide statements that seem coerced and forcefully written. Beyond that, they lack solid evidence against Mr. RBS Rawat. Fearing the 2024 elections, the state is making efforts to keep him in jail without substantial proof. Despite being a 70-year-old retired IFS officer, he has been denied bail for over 14 months. In India, we witness builders and corrupt ministers easily obtaining bail, and in our country, an honest man is framed without hard evidence. Higher authority figures make these individuals suffer. No wonder we have prominent scamsters running free like Nirav Modi, etc., because higher bureaucrats were bribed. It's clear that honest living isn't easily achievable in a country like India, right?