उत्तराखण्ड

नैनीताल पालिका आवासों पर सख्ती, 3,000 रुपये किराया वसूली का प्रस्ताव फिर से लागू करने की कोशिश

नैनीताल:- नैनीताल शहर के पालिका आवासों में अवैध रूप से निवासरत लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पालिका स्तर पर टीमों का गठन कर पालिका के आवासों का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे में चिह्नित अवैध कब्जेदारों से आवास खाली कराए जाएंगे। शहर में नगर पालिका के 545 आवास हैं। मगर इन आवासों में से अधिकांश पर या तो अन्य विभागों से सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों या बाहरी लोगों का कब्जा है। जिसमें से कई कब्जेदारों से नगर पालिका किराया तक नहीं वसूलती। वहीं, किराया देने वाले कई कब्जेदार बेहद ही कम भुगतान करते हैं।

दूसरी ओर, आवासों पर बाहरी लोगों का कब्जा होने के कारण स्थिति यह है कि पालिका में तैनात कई कर्मचारी किराए के मकान में अंयत्र रहने को मजबूर हैं। पालिका बोर्ड की पिछली बैठक में प्रति आवास तीन हजार रुपये प्रतिमाह किराया वसूली का प्रस्ताव पास किया गया था। मगर छह माह तक प्रस्ताव धरातल पर नहीं उतरने के कारण यह स्वत: ही निरस्त हो गया। इधर, पालिका में प्रशासक और नए ईओ की नियुक्ति के बाद आय बढ़ोतरी को लेकर प्रयास किया जा रहे हैं। जिसमें पालिका आवासों को खाली कराकर इनको बाजार दर पर किराए पर देने की योजना है।

ईओ दीपक गोस्वामी ने बताया कि विभागीय स्तर पर टीम गठित कर 545 पालिका आवासों का सर्वे कराया जा रहा है। इन आवासों में निवासरत लोगों की सूची तैयार कर अवैध कब्जेदारों को चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद आवासों को खाली करने के साथ ही निर्धारित बाजार दर पर किराए पर देकर पालिका आय में बढ़ोतरी की जाएगी।

ब्रिटिश काल में गठन के बाद अधिकांश विभाग नगर पालिका से संबद्ध थे। इन विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को पालिका की ओर से ही आवास आवंटित किए जाते थे। आजादी के बाद भी शहर में यही व्यवस्था लागू रही। मगर 1976 में शिक्षा विभाग, हाइडिल, जल संस्थान को नगर पालिका से अलग कर दिया गया। मगर इन विभागों के कर्मियों ने पालिका आवास नहीं छोड़े। पालिका से भी सेवानिवृत्त होने वाले कई परिवारों ने भी आवासों को निर्धारित अवधि में खाली नहीं किया।

वहीं, पालिका की ओर से गैर विभागीय लोगों को भी आवास किराए पर दिए गए, मगर वर्षों बीत जाने के बाद भी इन आवासों के किराए में बढ़ोतरी नहीं की गई। नतीजतन, आवासों की संपत्ति होने के बावजूद आज पालिका के हाथ खाली है। पालिका आवासों में गैर सरकारी व अन्य विभागों से सेवानिवृत्त हो चुके कर्मियों के परिवारों का तो कब्जा है ही, पालिका से सेवानिवृत्त कई कर्मियों के परिवार भी आवासों में जमे हुए हैं। हालांकि सेवानिवृत्ति के बाद कर्मियों को एरियर, पेंशन और अन्य भुगतान नहीं होना भी इसका कारण है। पालिका स्तर से भुगतान नहीं होने पर कई कर्मियों ने पालिका आवासों को खाली नहीं किया।

Uttarakhand Jagran

हम आपके आस-पास की खबरों और विचारों के लिए एक विश्वसनीय मार्गदर्शक के रूप में काम करेंगे। हम सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए देश और समाज से जुड़ी खबरें और सूचनाएं परोसेंगे। हमारी टीम डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन प्रकाशन का काम करती है। संपर्क - गोवर्धन प्रसाद मनोरी मोबाइल नंबर - +91-9548276184

Recent Posts

मुख्यमंत्री धामी की पहल से महिला समूहों को चारधाम यात्रा और पर्यटन से आर्थिक लाभ, ₹29.7 लाख शुद्ध लाभ

उत्तराखंड:- चारधाम यात्रा और पर्यटन गतिविधियां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य की…

6 hours ago

एम्स ऋषिकेश में एडवांस पीडियाट्रिक वार्ड का उद्घाटन, बच्चों के इलाज के लिए नई उम्मीद

ऋषिकेश:-  अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अब बच्चों की हर गंभीर बीमारी का उपचार…

6 hours ago

सौंग बांध पेयजल परियोजना पर कार्य शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को जल्द विस्थापन करने को कहा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि…

6 hours ago

दिल्ली चुनाव 2025, आम आदमी पार्टी ने पीएसी बैठक में उम्मीदवारों की पहली लिस्ट घोषित की

दिल्ली:- आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में जुट गई है। आम आदमी…

8 hours ago

उप्र पुलिस सिपाही भर्ती, दस्तावेज परीक्षण और शारीरिक मानक परीक्षा के लिए चयनित 1.74 लाख अभ्यर्थी

उत्तर प्रदेश :-  उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर सीधी…

9 hours ago

सिंचाई विभाग ने जमरानी बांध के लिए मार्ग विस्तार की योजना बनाई, 11 करोड़ का निवेश

उत्तराखंड:-  सिंचाई विभाग की जमरानी बांध परियोजना का कामकाज रफ्तार पकड़ रहा है। बांध निर्माण…

10 hours ago