चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय बेंच ने आदेश दिया है कि मेयर चुनाव में अमान्य किए गए 8 बैलेट पेपर मान्य माने जाएंगे। जिसके बाद आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया गया। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को 12 वोट मिले थे। आठ मतों को गलत तरीके से अमान्य करार दे दिया गया। बाद में ये आठ वोट याचिकाकर्ता के पक्ष में पाए गए। इस तरह आठ मतों को जोड़ देने पर याचिकाकर्ता के 20 वोट हो जाते हैं। लिहाजा, आप पार्षद और याचिकाकर्ता कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम के महापौर पद पर निर्वाचित घोषित किया जाता है। पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा भाजपा प्रत्याशी को विजेता घोषित करने का फैसला अमान्य है। बेंच ने कहा कि पीठासीन अधिकारी ने पहले तो महापौर चुनाव की प्रक्रिया में गैरकानूनी तरीके से तब्दीली की। इसके बाद उन्होंने 19 फरवरी को इस अदालत के समक्ष झूठ कहा।
इससे पहले अदालत ने 30 जनवरी को हुए मतदान के बैलेट पेपर की जांच की। इसके बाद SC ने कहा कि आप उम्मीदवार के पक्ष में डाले गए आठ वोटों पर अतिरिक्त निशान थे। कोर्ट ने कहा कि निशान लगे बैलेट पेपर गिने जाएंगे जिसके बाद विजेता का नाम घोषित होगा। वहीं कोर्ट की टिप्प्णी के बाद आम आदमी पार्टी में जश्न शुरू हो गया है। चंडीगढ़ के मेयर बने कुलदीप कुमार ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं. यह चंडीगढ़ के लोगों और भारत गठबंधन की जीत है। इससे पता चलता है कि भाजपा अपराजेय नहीं है और अगर हम एकजुट रहें तो हम उन्हें हरा सकते हैं। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया है। वहीं चंडीगढ़ कांग्रेस ने भी कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई। फैसले को ऐतिहासिक और लोकतंत्र को बचाने वाला बताया गया।
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