देहरादून: नववर्ष पर जहां आज पूरी दुनिया खुशियां व उल्लास मना रही है वहीं उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त कार्मिक सड़कों पर उतर कर आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। बर्खास्त कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन धरने के 14वें दिन अनोखे अंदाज में गले में सांकेतिक फांसी का फंदा बांधते हुए सरकार एवं विधानसभा अध्यक्ष से न्याय न मिलने की स्थिति में बर्खास्त कार्मियों ने कोई भी कदम उठाने की चेतावनी दी।
विधानसभा के बाहर बर्खास्त कर्मचारियों का लगातार 14 दिन से चल रहा अनिश्चितकालीन धरना नववर्ष के पहले दिन भी जारी रहा। कर्मचारियों ने जहां नववर्ष की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी वहीं गले में फांसी का फंदा बांधकर न्याय की अनोखी गुहार लगाई। बर्खास्त कार्मिकों द्वारा बताया गया कि कल सोमवार को उनके द्वारा एक दिन का उपवास रखा जाएगा, उन्होंने सरकार व विधानसभा अध्यक्ष को चेताया की कार्मिकों के साथ न्याय नहीं हुआ तो 4 जनवरी से कार्मिक एवं उनके परिजन आमरण अनशन पर बैठेंगे। इस मौके पर कर्मचारियों ने उत्तराखंड कैबिनेट के सभी मंत्रियों को नववर्ष की शुभकामना का ग्रीटिंग के साथ एक पत्र देते हुए अपनी समस्याएं सरकार के मौजूदा मंत्रियों के समक्ष रखी।
इस अवसर पर दीप्ति पांडे, हेमंत जोशी, अनिल रयाल, शिव चरण डबराल, कौशिक, प्रदीप सिंह, तुशांत बिष्ट, बबीता भंडारी, हरीश चंद्र भट्ट, आशीष शर्मा, निहारिका उनियाल, लक्ष्मी चिराल, अमित मंमगाई, कुंदन सिंह एवं समस्त बर्खास्त कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
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