मुख्यमंत्री आज स्वर्गाश्रम, यमकेश्वर पौड़ी में ‘दि बीटल्स एण्ड दि गंगा फेस्टिवल का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने जनपद पौड़ी की ₹422.44 लाख की 3 योजनाओं का लोकार्पण किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर आगे बढ़ रहा है। दि बीटल्स एण्ड दि गंगा फेस्टिवल का आयोजन भारतीय संस्कृति के विभिन्न घटकों योग, शास्त्रीय संगीत, नृत्य, कला आदि को उत्सव के रूप में मनाने का एक प्रयास है।
उन्होंने कहा कि यह आयोजन स्थानीय सभ्यता एवं परम्पराओं को विश्व में प्रदर्शित करने की एक पहल है। फेस्टिवल के माध्यम से उत्तराखण्ड को एक नई ऊर्जा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृति, अध्यात्म तथा संगीत में एक गहरा सम्बन्ध है।
उन्होंने कहा कि योग तथा मनोसाधना से मानव जीवन के किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल की जा सकती है। हमारे देश की प्राचीन और महान संस्कृति ने ही सर्वप्रथम ’’वसुधैव कुटुम्बकम’’ की अवधारणा विश्व के समक्ष रखी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषियों और मुनियों ने समाज में अध्यात्म और ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया तथा अध्यात्म के संदेश से लोगों का हृदय परिवर्तन कर सद्भावना का मार्ग प्रशस्त किया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए प्रेम व अहिंसा के रास्ते पर चलकर समाज में एकता की भावना को मजबूत करना होगा। सद्भावना से ही राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा मिल सकता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत का मान- सम्मान पूरे विश्व में बढ़ रहा है। वो दिन दूर नहीं जब हमारा देश पुनः “विश्व गुरु” पद पर आरूढ़ होगा।
इस दौरान कार्यक्रम में मेयर ऋषिकेश अनिता ममगाई, परमार्थ निकेतन के प्रमुख चिदानंद जी सरस्वती महाराज, उत्तराखण्ड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, एसएसपी श्वेता चौबे एवं अन्य लोग मौजूद रहे।