उत्तराखंड:- उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद विवाह के पंजीकरण, लिव इन रिलेशनशिप, विवाह विच्छेद से संबंधित सूचनाएं उपलब्ध कराने में गलत या झूठी सूचना देने पर संबंधित व्यक्ति को दंडित होना पड़ेगा।
ऐसे प्रकरण अपराध घोषित होने पर तीन से छह माह की जेल अथवा 25 हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों भुगतने पड़ सकते हैं। संबंध विच्छेद या तलाक की अवधि में दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौन हिंसा के साथ ही एक से अधिक पत्नी को दंड की श्रेणी में रखा गया है। यह दंड 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक जुर्माना और छह माह से साढ़े तीन वर्ष तक कारावास के रूप में हो सकता है।
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