यूपी सरकार ने 12 प्रगतिशील किसानों को किया सम्मानित, खेती में नए तरीकों को अपनाने के लिए सराहना

राजभवन में लगी तीन दिवसीय फल, पुष्प व शाकभाजी प्रदर्शनी के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश के 12 चुनिंदा प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया। इन किसानों ने उन्नत तकनीक और अपनी मेहनत के बल पर खेती-किसानी को नई दिशा दी। ये अब अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुके हैं।

इन प्रगतिशील किसानों में वाराणसी से सुरेंद्र कुमार सिंह, आगरा से युवराज परिहार, प्रयागराज से छोटेलाल गौतम, मऊ से रश्मि सिंह, रायबरेली से रामबरन चौरसिया, मिर्जापुर से सरीश सिंह, हरदोई से अजीत प्रताप सिंह, कुशीनगर से संजय सिंह, बस्ती से रामपूरन चौधरी, ललितपुर से नरेंद्र सिंह बुंदेला, श्रावस्ती से अजय चौधरी और अमरोहा से सुरेंद्र कुमार त्यागी का नाम शामिल है।
मसाला मिर्च का देश-विदेश में कर रहे निर्यात
वाराणसी के सुरेंद्र सिंह चार हेक्टेयर में मसाला मिर्च व तीन हेक्टेयर में मटर का उत्पादन वैज्ञानिक तकनीक से जैविक विधि से कर रहे हैं। देश-विदेश के बाजार में बिक्री से वे 41 लाख रुपये प्रतिवर्ष की आमदनी कर रहे हैं। मिर्च के पौधों की बिक्री से अतिरिक्त आय अर्जित करते हैं।

आलू और गोभी को बनाया सफलता की कुंजी
आगरा के युवराज परिहार पांच हेक्टेयर में आलू और पांच हेक्टेयर में गोभी वर्गीय फसलों की वैज्ञानिक तकनीकी से व्यावसायिक खेती करते हैं। इससे वे प्रतिवर्ष 48 लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं। अन्य किसानों को आलू बीज की बिक्री भी करते हैं।

मात्र एक हेक्टेयर में ड्रैगन फ्रूट की खेती
प्रयागराज के छोटेलाल गौतम मात्र एक हेक्टेयर में ड्रैगन फ्रूट की ड्रिप सिंचाई पद्धति से व्यावसायिक खेती कर रहे हैं। इससे वह दस लाख रुपये प्रति वर्ष कमाई करते हैं। इसके अलावा पालीहाउस में गुलाब व अनानास की खेती भी करते हैं।
आम, अमरूद व जामुन से बढ़ाई आमदनी
मऊ जिले की रश्मि सिंह 1.1 हेक्टेयर में आम की नवीन तकनीक से व्यावसायिक खेती करती हैं। लखनऊ, वाराणसी और मऊ की मंडी में इनके फलों की बिक्री होती है। इसके अलावा 0.20 हेक्टेयर में उन्नतशील जामुन व अमरूद की बागवानी भी करती हैं।
2500 वर्ग मीटर में कर रहे पान की खेती
रायबरेली के रामबरन चौरसिया 2500 वर्ग मीटर क्षेत्र में आधुनिक तकनीक से बरेजा बनाकर पान की बंगला, सांची और सौफिया प्रजाति की खेती करते हैं। उनसे प्रेरित होकर अन्य किसान भी इस खेती को अपना रहे हैं।
ड्रैगन फ्रूट से हो रही आठ लाख की आमदनी
मिर्जापुर के सरीश सिंह एक हेक्टेयर में ड्रैगन फ्रूट की वैज्ञानिक विधि से खेती करते हैं, जिससे उन्हें करीब आठ लाख रुपये की आमदनी होती है। वे इसके लिए जैविक विधि से सूक्ष्म सिंचाई तकनीक का प्रयोग करते हैं।
आलू की खेती सह फसल के रूप में
हरदोई के अजीत प्रताप सिंह एक हेक्टेयर में आलू की खेती सह फसल के रूप में नवीन तकनीक से सूक्ष्म सिंचाई विधि अपनाकर कर रहे हैं। वह गन्ने की फसल के साथ टमाटर और चुकंदर की खेती भी करते हैं। वे क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
केला उगाकर कर रहे 25 लाख की आमदनी
कुशीनगर के संजय सिंह दो हेक्टेयर में टिश्यूकल्चर केले की खेती ड्रिप सिंचाई विधि अपनाकर कर रहे हैं। इससे वे प्रतिवर्ष करीब 25 लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं। इनकी तकनीक से प्रेरणा लेकर अन्य किसान भी आगे बढ़ रहे हैं।
संकर टमाटर ने की आय में बढ़ोतरी
बस्ती के रामपूरन चौधरी ने 1.1 हेक्टेयर में आधुनिक तकनीक से स्टेकिंग, मल्विंग व समन्वित कीट रोग प्रबंधन तकनीक का प्रयोग कर संकर टमाटर की खेती शुरू की। इससे करीब 6 लाख की आय उन्हें होती है। केला, पपीता, परवल व गोभीवर्गीय सब्जी की खेती भी करते हैं।
लहसुन से 2.5 करोड़ की कमाई
ललितपुर के नरेंद्र सिंह बुंदेला 20 हेक्टेयर में आधुनिक तकनीक से लहसुन उगाते हैं। इससे उन्हें प्रतिवर्ष करीब 2.5 करोड़ की कमाई होती है। वे लहसुन की बुआई के लिए लहसुन प्लांटर और सिंचाई के लिए पोर्टेबल स्प्रिंकलर विधि का प्रयोग करते हैं।
जैविक विधि से उगाईं आम की 60 प्रजातियां
श्रावस्ती के अजय चौधरी ने 1.5 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आम की 60 प्रजातियां उगाईं, जिससे उन्होंने 135 क्विंटल आम की पैदावार कर करीब सात लाख की आमदनी की। उनका आम प्रदेश भर में सराहा जाता है।
हल्दी उगाई और पूरे देश में पहुंचाई
अमरोहा के सुरेंद्र कुमार त्यागी एक हेक्टेयर में आधुनिक तकनीक से हल्दी की जैविक खेती करते हैं,जो उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान समेत अन्य प्रदेशों में भी भेजी जाती है। इससे उन्हें करीब छह लाख रुपये की आय होती है।

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