प्रदेश सरकार ने सहायता प्राप्त अशासकीय (एडेड) महाविद्यालयों के मृतक शिक्षकों के परिजनों को बड़ी राहत दी है। सेवाकाल में मृत्यु होने की स्थिति में शिक्षकों के परिजनों को मृत्यु उपादान (डेथ ग्रेच्युटी) का भुगतान शासनादेश के अनुरूप किया जाएगा। कैबिनेट की हरी झंडी के बाद इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया है।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि एडेड महाविद्यालयों के ऐसे शिक्षक जिन्होंने सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं दिया था और उनकी मृत्यु 58 वर्ष की आयु से पहले हो गई तथा वे शिक्षक जिन्होंने 60 वर्ष पर सेवानिवृत्ति का विकल्प भरा था, किंतु विकल्प परिवर्तन की निर्धारित अवधि से पहले ही उनका निधन हो गया। इन मामलों में उनके परिजनों को डेथ ग्रेच्युटी दिए जाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि 03 फरवरी 2004 के बाद के उन मामलों में भी डेथ ग्रेच्युटी दी जाएगी, जिनमें शिक्षकों ने सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं चुना और 60 वर्ष की आयु से पहले निधन हो गया। ऐसे शिक्षक जिन्होंने 62 साल पर सेवानिवृत्ति का विकल्प भरा, मगर विकल्प परिवर्तन की निर्धारित अवधि से पहले ही उनका निधन हुआ।
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