देहरादून:- रंग-विरंगे फूलों की सतरंगी छटा से राजभवन महक रहा है। बहुप्रतीक्षित वसंतोत्सव का भव्य शुभारंभ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह ने किया और दूनवासियों से प्रदर्शनी के अवलोकन का आह्वान किया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और जवानों के करतबों के साथ तीन दिवसीय महोत्सव शुरू हो गया। राज्यपाल ने परिसर में विभिन्न प्रजाति के पुष्पों का अवलोकन कर प्रतिभागियों की प्रशंसा की और पुष्प उत्पादन के लिए काश्तकारों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पुष्प प्रदेश बनने की असीम संभावनाएं हैं। शुक्रवार को वसंतोत्सव के शुभारंभ पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह ने सबसे पहले डाक विभाग के इस वर्ष के लिए विशेष डाक आवरण के लिए चयनित औषधीय गुणों से भरपूर पौधे जटामांसी का विमोचन किया।
साथ ही डाक विभाग देहरादून की ओर से लगाई गई भव्य डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में आइएमए, पीएसी और होमगार्ड के जवानों ने बैंड की मधुर धुनों से समा बांधा। साथ ही जौनसार से आए कलाकारों ने पारंपरिक हारूल नृत्य प्रस्तुत कर आगंतुकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया है। गोरखा राइफल्स के जवानों ने खुखरी नृत्य से अद्भुत शारीरिक और मानसिक शक्ति का प्रदर्शन किया। देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार की छात्राओं ने योग प्रदर्शन किया, निरामया योगम रिसर्च फाउंडेशन हरिद्वार व उत्तरांचल आयुर्वेदिक कालेज देहरादून की ओर से भरत नाट्यम आधारित योग नृत्य व शिव तांडव की मनमोहक प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर प्रथम महिला गुरमीत कौर, कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, हंस फाउंडेशन के संस्थापक भोले महाराज, माता मंगला, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण डा. एसएन पांडेय, महानिदेशक कृषि एवं उद्यान रणवीर चौहान, अपर सचिव राज्यपाल स्वाति एस भदौरिया, निदेशक उद्यान दीप्ति सिंह आदि उपस्थित रहे।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड को प्रकृति और सांस्कृतिक विरासत का अनमोल उपहार प्राप्त है। यहां के पुष्प न केवल सौंदर्य और विशिष्टता में अद्वितीय हैं, बल्कि राज्य को पुष्प प्रदेश के रूप में स्थापित करने की असीम संभावनाएं भी रखते हैं। प्रदेश में शहद, सुगंधित पौधे और फूलों के उत्पादन से आर्थिक समृद्धि और ग्रामीण विकास में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। उन्होंने बताया कि वसंतोत्सव-2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) आधारित आगंतुक गणना और क्यूआर कोड फीडबैक सिस्टम जैसी नवाचारी पहल की गई है। वसंतोत्सव में विभिन्न संस्थानों/व्यक्तियों की ओर से कुल 214 स्टाल लगाए गए हैं। वसंतोत्सव में पहले दिन संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित सांस्कृतिक संध्या में पारंपरिक लोक कलाओं की मनमोहक प्रस्तुतियां देखने को मिलीं। संस्कार सांस्कृतिक दल ने कुमाऊनी लोकनृत्य में शिव वंदना, ब्रह्म कमल दल ने गढ़वाली लोकनृत्य में नाथ शंभू भोले नाथ की प्रस्तुतियां दी गईं। भातखंडे हिंदुस्तानी संगीत महाविद्यालय के छात्रों ने शंकर अति प्रचंड प्रस्तुति और हेमा नेगी ने शिव जागर और अन्य लोकगीतों की प्रस्तुति दी।
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