भालू के साथ संघर्ष कर ग्रामीण ने बचाई जान, रुद्रप्रयाग में गंभीर रूप से घायल

रुद्रप्रयाग :-  रुद्रप्रयाग के बच्छणस्यूं क्षेत्र के बणगांव में पेयजल योजना की देखरेख के लिए जंगल गए एक ग्रामीण को भालू ने बुरी तरह घायल कर दिया। लहुलुहान होते होते हुए भी ग्रामीण ने भालू के साथ कुछ देर तक संघर्ष कर खुद की जान बचाई। साथ ही फोन कर परिजनों को घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंचे परिजन घायल का जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग में प्राथमिक उपचार करने के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।

बुधवार को बणगांव के प्रकाश सिंह (50) पुत्र जीत सिंह, पेयजल लाइन की देखरेख के लिए अकेले ही जंगल गए थे। वह, पेयजल योजना के चौकीदार हैं। वह पेयजल लाइन के स्रोत पर कुछ काम कर रहे थे तभी पीछे से भालू ने उन पर हमला कर दिया। जब तक वह कुछ समझ पाते, भालू उन्हें नोंचने लगा। इस दौरान प्रकाश खुद को बचाने के लिए भालू के साथ संघर्ष करते रहे। उन्होंने भालू पर रिंच से कई वार किए। काफी देर तक वह भालू के साथ लड़ते रहे और लहुलूहान हो गए। लोहे के रिंच से लगी चोट से भालू भाग गया। खून से लथपत प्रकाश सिंह जैसे तैसे उठे और घर फोन किया। इसके बाद खुद घर के लिए निकल गए। गांव के लोग उन्हें लेने गए।

आधे रास्ते पहुंचने पर गंभीर घायल प्रकाश को परिजन जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग ले गए यहां चिकित्सकों ने उनका उपचार किया। प्रकाश के सिर, हाथ, पैर और चेहरे पर टांके आए हैं। सिर पर गहरे घांव को देखते हुए सिटी स्कैन के लिए उन्हें बेस अस्पताल रेफर कर दिया। सीएमएस मनोज बडोनी ने बताया कि घायल की स्थिति खतरे से बाहर है। इधर, कनिष्ठ प्रमुख शशि सिंह नेगी ने वन विभाग से घायल के उपचार के लिए मुआवजा देने की मांग की। इधर, रुद्रप्रयाग वन प्रभाग की डीएफओ कल्याणी ने बताया कि रेंजर से घटना की रिपोर्ट मांगी गई है।

दो माह में चौथी घटना
दो माह में भालू के हमले की जिले में यह चौथी घटना है। बीते अगस्त माह में जखोली ब्लॉक में दो घटनाएं हुईं। वहीं सितंबर में धनपुर के पाबौ गांव में खेत में काम कर रहे ग्रामीण को भालू ने घायल किया था।

भालू के दिखते ही वन विभाग को करें सूचित
शीतकाल में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की आशंका को देखते हुए नंद्रप्रयाग रेंज के वन क्षेत्राधिकारी हेमंत बिष्ट ने लोगों को वन्यजीव संघर्ष के रोकथाम की जानकारी दी। वन क्षेत्राधिकारी हेमंत बिष्ट ने बताया कि शीतकाल में वन्यजीव और मानव संघर्ष की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में लोगों को जंगल में अकेले न जाने, जंगल में जाते हुए डंडे का इस्तेमाल करने, घरों के आसपास की झाड़ियों को काटने और गांव में भालू दिखने पर तुंरत वन विभाग को इसकी सूचना देने को कहा। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को गांव के आसपास नियमित गश्त करने, भालू के हमले की घटना पर तत्काल सहायता के निर्देश दिए।

लेखक के बारे में

Uttarakhand Jagran http://uttarakhandjagran.co.in

हम आपके आस-पास की खबरों और विचारों के लिए एक विश्वसनीय मार्गदर्शक के रूप में काम करेंगे। हम सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए देश और समाज से जुड़ी खबरें और सूचनाएं परोसेंगे। हमारी टीम डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन प्रकाशन का काम करती है।

संपर्क - गोवर्धन प्रसाद मनोरी
मोबाइल नंबर - +91-9548276184

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours