देहरादून : इन दिनों फिल्म 12 फेल के चर्चा आम हो चले हैं और हो भी क्यों नहीं फिल्म सिर्फ रील तक सीमित नहीं है बल्कि फिल्म एक सच्ची कहानी पर आधारित है। ये फिल्म सबका दिल जीत रही है। फिल्म में विक्रांत मैसी और मेधा शंकर ने आईपीएस मनोज शर्मा और आईआरएस श्रद्धा जोशी का किरदार निभाया है। फिल्म रियल लाइफ कपल आईपीएस अधिकारी और आईआरएस अधिकारी पर आधारित है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रद्धा जोशी कौन हैं अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं कि श्रद्धा उत्तराखंड की लाडली हैं और उनका मूल अल्मोड़ा है।
12 वीं फेल इन दिनों खूब चर्चा बटोर रही है। जिसने भी इस फिल्म को देखा वो इस फिल्म का मुरीद हो गया। दरअसल ये फिल्म मनोज शर्मा नाम के युवक की कहानी है। जो अपनी मेहनत से अपने जीवन में आईपीएस अधिकारी का मुकाम हासिल करता है। इस पद तक पहुंचने के लिए एक युवक काफी मेहनत करता है और जीवन के कई उतार चढाव देखता है ठीक धर्श से बाद में एक आईआरएस अधिकारी बनकर दिखाती हैं।
श्रद्धा जोशी मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा की रहने वाली है। मनोज शर्मा और श्रद्धा जोशी की मुलाकात दिल्ली के मुखर्जी नगर में हुई और ये दोस्ती प्यार में बदल गई। सफलता मिलने के बाद दोनों ने शादी कर ली। दोनों की मुलाकात कोचिंग के दौरान हुई थी इौर इसके बाद दोनों को अपने अलग अलग कैडर मिले। महाराष्ट्र कैडर में आईपीएस 2005 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी मनोज कुमार मूलरूप से मध्य प्रदेश के मुरैना के रहने वाले हैं। जबकि उनकी पत्नीे श्रद्धा जोशी आईआरएस 2007 बैच की भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी हैं।
दरअसल श्रद्धा यूपीएससी की तैयारी करने के लिए अल्मोंड़ा से दिल्लीे आई थी और कोचिंग ज्वाइन की और जिस दिन पहली बार वो कोचिंग गई थी उसी दिन यूपीएससी प्री का रिजल्ट आया था। इसी दौरान उनकी पहली मुलाकात मनोज कुमार शर्मा से हुई। मनोज ने बिना कोचिंग के यूपीएससी प्री पास की थी। इसके बावजूद मनोज शर्मा बेहद सादगी से मिले’। वह उनके लिए एक चमत्कारी अनुभव से कम नहीं था। इसी दौरान कोचिंग और नोट्स के बहाने दोनों ही नजदीकियां बढने लगी।
मनोज 12 वीं फेल थे तो दूसरी ओर श्रद्धा जोशी 12वीं में टॉपर थी। उस समय श्रद्धा जोशी ने यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में स्टेट लेवल पर 13वीं रैंक हासिल की थी। कोचिंग के दौरान ही मनोज श्रद्धा को पसंद करने लगे थे। लेकिन अपने दिल की बात कहने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे। मनोज के आईपीएस क्लियर करने के लगातार तीन प्रयास असफल रहे। इसी बीच श्रध्दा यह समझने लगी थीं कि मनोज उन्हें पसंद करते हैं। श्रद्धा का सलेक्शन भी पीसीएस में हो गया था। लेकिन मनोज ने तब तक अपने दिल की बात नहीं कही थी। मनोज ने एक दिन हिम्मत करके श्रध्दा से अपने प्यार का इजहार कर दिया। इसका चमत्कार ये हुआ कि मनोज ने अपने चौथे प्रयास में आईपीएस एग्जाम क्लियर किया और वह आईपीएस ऑफिसर बन गए। उधर श्रध्दा कहां पीछे रहने वाली थी और देखते ही देखते वो भी मेहनत के बलबूते 2007 में आईआरएस अधिरी बन गई। जिसके बाद दोनों ने सफल होकर आपस में शादी कर ली। आज दोनों अपने जीवन में अपने परिवार के साथ खुश हैं और हर कोई आत उनकी मेहनत का दीवाना है।
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