डीएवी पीजी कॉलेज में आज पार्किंग शुल्क को लेकर विधि छात्रों और पार्किंग स्टाफ के साथ विवाद हो गया, विधि विभाग की प्रथम वर्ष की एक छात्रा के साथ हुआ विवाद इतना बढ़ा कि कॉलेज प्राचार्य तक मामला पहुंच गया। प्राचार्य डॉ. केआर जैन के हस्तक्षेप और समझाने के बाद दोनों पक्ष शांत हुए, प्राचार्य ने विधि छात्रों को पार्किंग से जुड़ी समस्याएं लिखकर देने को कहा है ताकि भविष्य में व्यवस्था सुधार की जा सके। प्राप्त जानकारी के अनुसार आज पार्किंग शुल्क के 10 रुपये को लेकर विधि प्रथम वर्ष की एक छात्रा और पार्किंग स्टाफ के बीच विवाद हो गया। कई छात्रों ने कहा कि पार्किंग व्यवस्था संचालन में लगे स्टाफ ने छात्रा के साथ मिसबिहेव किया और पार्किंग शुल्क मांगने में हठधर्मिता दिखाई, जबकि पार्किंग स्थल पर तमाम व्यवस्थाएं भी ठीक नहीं हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार छात्रा के समर्थन में आये कुछ छात्रों ने बिना लॉ डिपार्टमेंट में बताए सीधे प्राचार्य कार्यालय पहुंचकर शिकायत की। उसके बाद पार्किंग संचालकों ने भी प्राचार्य के पास जाकर घटना की जानकारी दी और कहा कि उनके किसी स्टाफ ने किसी भी छात्र या छात्रा के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया है।
इसके बाद विधि के कुछ छात्र- छात्राओं ने विधि विभाग की अध्यक्ष डॉ.पारुल दीक्षित के साथ प्राचार्य के पास पहुंचकर पार्किंग संबंधी शिकायतें करते हुए किसी से दुर्व्यवहार ना करने , पार्किंग स्थल की व्यवस्था सुधार करने और विधि छात्रों के रेगुलर पास बनाने की मांग की। इस पर प्राचार्य ने छात्रों को अपनी मांगे या शिकायते लिखित रूप में देने को कहा है। प्राचार्य से मिलने वालों में विधि छात्र रविन्द्र राणा, देवेंद्र चमोली, सुबोध सेमवाल, निशांत शर्मा, दिव्या बंसवाल और वैभव शर्मा आदि शामिल रहे।
प्राचार्य डॉ. केआर जैन का कहना है कि पार्किंग की कॉलेज में व्यवस्था नियमानुसार संचालित की जाती है। संचालको को सख्त हिदायत दी गई है कि किसी छात्र-छात्रा के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए, भविष्य में इसे गंभीरता से लिया जाएगा। साथ ही पार्किंग स्थल में व्यवस्था सुधार के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। और विधि छात्रों के पार्किंग के रेगुलर पास बनाने को लेकर डिपार्टमेंट के साथ चर्चा करके ही तय किया जा सकेगा। दुर्व्यवहार के आरोप पर पार्किंग संचालक अभय कुमार का कहना है कि जिस छात्रा के साथ आज विवाद हुआ है उसने पार्किंग के 10 रुपये देने से ना सिर्फ मना किया बल्कि स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार किया और पार्किंग आर्डर तक मांगा था। ऐसा ही शुक्रवार को भी उक्त छात्रा ने किया था। पार्किंग संचालक का कहना है कि आरोप झूठा है, उन्होंने किसी के साथ कभी दुर्व्यवहार नहीं किया है, हालांकि वे पार्किंग शुल्क की ज़रूर मांग करते हैं, लेकिन कोई अपनी मजबूरी बताता है तो हम शुल्क छोड़ भी देते हैं।
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