कर्णप्रयाग ऋषिकेश रेल लाइन के अंतर्गत गूलर से शिवपुरी टनल के ब्रेक थ्रू कार्यक्रम एवं निर्माण कार्यों का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थलीय निरीक्षण किया। शिवपुरी और व्यासी के बीच 26 दिन में 1.12 किलोमीटर लंबी रेलवे सुरंग बनाकर इस निर्माण कार्य में पहला कीर्तिमान हासिल किया गया था, यह सुरंग एनएटीएम तकनीकी से बनाई गई है।
इस उपलब्धि पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए, सीएम धामी के बटन दबाते ही सुरंग आर पार हुई और इसी के साथ पहाड़ की रेल परियोजना एक कदम और आगे बढ़ी है, रेल विकास निगम की ओर से जिन दो सुरंगों का मिलान (ब्रेक थ्रू) आज हुआ है, उनका निर्माण 20 अक्टूबर 2020 को शुरू हुआ था, शिवपुरी से करीब 1.8 किलोमीटर गूलर की ओर यह सुरंग मिलेगी।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना ₹16,216 करोड़ की लागत से बन रही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉडगेज रेल परियोजना को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, 126 किलोमीटर लंबी ये रेल परियोजना 105 किलोमीटर लाइन सुरंगों के अंदर से गुजरेगी और 21 किलोमीटर ट्रैक खुले आसमान के नीचे बनेगा। इस परियोजना में 17 सुरंगों का निर्माण हो रहा है, 16 पुल बनाए जाएंगे, अबतक करीब 60 किलोमीटर सुरंग बनकर तैयार हो चुकी है। ऋषिकेश, शिवपुरी, व्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर, धारी देवी, तिलनी, घोलतीर, गौचर, सिवाई (कर्णप्रयाग) इस परियोजना के रेलवे स्टेशन होंगे, रेल परियोजना के निर्माण के दौरान रेल विकास निगम की ओर से श्रीनगर गढ़वाल और कर्णप्रयाग में रेलवे स्टेशन के निर्माण के साथ ही मालगोदाम बनाए जाएंगे, श्रीनगर में दो जबकि सिवाई कर्णप्रयाग में एक मालगोदाम बनाया जाएगा।
ढालवाला से शिवपुरी
शिवपुरी से ब्यासी
व्यासी से देवप्रयाग
देवप्रयाग से जनासू
जनासू से श्रीनगर
श्रीनगर से धारी देवी
7 ए- धारी देवी से तिलनी
7 बी- तिलनी से घोलतीर
घोलतीर से गौचर
गौचर से कर्णप्रयाग
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