देहरादून:- समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी मामले को लेकर बड़ा बयान दे दिया है जिसमें उन्होंने श्री बद्रीनाथ धाम का भी जिक्र किया है, जिसको लेकर लोग विरोध कर रहे है। वहीं चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने बदरीनाथ धाम को लेकर सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का कड़ा विरोध किया। उत्तर प्रदेश वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद का मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रहा है, ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे को लेकर बुधवार को कई घंटों तक सुनवाई हुई। इसी बीच समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने ने ज्ञानवापी मामले को लेकर बड़ा बयान दे दिया है।
मौर्य ने कहा है कि मंदिर और मस्जिद से भी पहले वहां पर बौद्ध मठ था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘इसका मामला न्यायपालिका में है, इसलिए इसे बहस का मुद्दा नहीं बना सकते हैं। लेकिन इतिहास इस बात का गवाह है कि जितने भी हिंदू तीर्थस्थल है, वहां पहले कभी बौद्ध मठ था। इसलिए बात सिर्फ मंदिर-मस्जिद की नहीं, बौद्ध मठ की भी होगी। लेकिन आपसी सौहार्द और भाई चारा बना रहे। इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने बद्रीनाथ धाम को लेकर भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि विकिपीडिया में लिखा है कि आखिरी शताब्दी तक वह बौद्ध मठ था, उसके बाद उसको शंकराचार्य ने बद्रीनाथ धाम बनाया था।
मुख्यमंत्री ने सपा नेता के बयान को बताया धर्म विरोधी सोच
इसी के बीच मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र भू बैंकुठ श्री बद्रीनाथ धाम पर समाजवादी पार्टी के नेता की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है। महाठगबंधन के एक सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी के एक नेता द्वारा दिया गया यह बयान कांग्रेस और उसके सहयोगियों की देश व धर्म विरोधी सोच को दर्शाता है। यह विचार इन दलों के अंदर सिमी और पीएफआई की विचारधारा के वर्चस्व को भी प्रकट करता है।
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष– सपा नेता का बयान निंदनीय
बदरीनाथ धाम करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। समाजवादी पार्टी का चरित्र हमेशा से ही हिंदू विरोधी रहा है। वे हिंदुओं के धर्मस्थलों को विवादित बनाने की कोशिश करते हैं। सपा नेता का बयान निंदनीय है।
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