उत्तराखंड सरकार के अंग्रेजों की पहचान, संकेत से जुड़े शहरों के नाम बदलने के प्रयासों को शिगूफा करार दिया। कहा कि देश में अंग्रेजों की गुलामी का सबसे बड़ा प्रतीक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) है। आजादी के आंदोलन में आरएसएस और मुस्लिम लीग ने सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाया। मुस्लिम लीग खुद ही खत्म हो गई है।
अब जरूरत दूसरी पहचान को खत्म करने की है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सभी जानते कि आजादी आंदोलन को किसने अंग्रेजों के इशारे पर कमजोर किया। किसने अंग्रेजों का साथ दिया। किसने चोट पहुंचाई। ऐसे में यदि भाजपा अंग्रेजों से जुड़ी पहचान, नामों को बदलना ही चाहती है तो वो सबसे पहले खुद को बदले। क्योंकि आरएसएस देश में अंग्रेजों की गुलामी का सबसे बड़ा संकेत है। ऐसे में अब नाम बदलने की शिगूफेबाजी से भाजपा बचे।
कहा कि देश में जब कभी किसी राज्य में चुनाव होता है, तो वहां समान नागरिक संहिता लागू करने का एक नया शिगूफा छोड़ दिया जाता है। सभी को मालूम है कि ये बिना केंद्र के संभव नहीं है। क्यों भाजपा सीधे केंद्र सरकार के स्तर पर समान नागरिक संहिता लागू नहीं करती।
क्यों आठ साल से भाजपा केंद्र में इस मसले पर चुप है। इससे साफ है कि भाजपा सिर्फ वोटों के ध्रुवीकरण को लेकर इस मसले को हवा देने का प्रयास चुनाव दर चुनाव करती है। उन्होंने सरकार पर गैरसैंण की उपेक्षा का भी आरोप लगाया। कहा कि सत्र गैरसैंण में ही होना चाहिए।
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