उत्तराखण्ड

विधानसभा सत्र में कांग्रेस का प्रदर्शन, सीडीओ कार्यालय के बाहर कानून व्यवस्था और केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का विरोध

 

 

 

 

उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन गैरसैंण में आज  विपक्ष ने कानून व्यवस्था समेत अन्य कई मुद्दों को धार देकर सदन के बाहर सरकार को घेरा। केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के बाहर सीडीओ में प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं ने पूंजी पत्तियां के खिलाफ और सेबी प्रमुख के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की। प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक भवन कापड़ी, विधायक ममता राकेश, विधायक सुमित ह्रदयेश, आदेश चौहान समेत सभी विधायक मौजूद रहे।

लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र के विधायक दिलीप रावत ने पर्वतीय क्षेत्रों में गुलदार के आतंक को लेकर विधानसभा के बाहर सांकेतिक प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि वन नीति के लिए एक दिन का विशेष विधानसभा सत्र बुलाया जाए।  वहीं, आज अनूपूरक बजट भी पेश किया जाएगा। उधर, विपक्ष की ओर से कानून व्यवस्था पर नियम 310 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाया जाएगा, जिससे सदन की कार्यवाही हंगामेदार रहने के आसार है। बुधवार को सत्र के पहले विपक्ष के तेवर नरम दिखे। दिवंगत विधायकों के निधन पर शोक प्रकट करने से विपक्ष ने शांत रहा।

लेकिन, दूसरे दिन विपक्ष ने सरकार को कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है, जबकि सदन के बाहर भी कांग्रेस विधायक केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने और पूंजीपतियों को संरक्षण देने पर केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन करेंगे।विपक्ष का कहना है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। महिलाओं के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे कानून व्यवस्था पर विपक्ष सदन की समस्त कार्यवाही रोक कर चर्चा की मांग करेगा।

प्रदेश सरकार ने सत्र की अवधि बहुत कम रखी है, जिससे सरकार की मंशा जाहिर होती कि वह विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। विधायकों के पास जनहित से जुड़े तमाम सवाल हैं। दो दिन में सभी मुद्दों पर चर्चा होना संभव नहीं है। प्रदेश सरकार जनहित के मुद्दों पर जवाब देने से बचना चाहती है।
यशपाल आर्य, नेता प्रतिपक्ष

सदन कितने दिन चलेगा, यह सदन को संचालित करने के लिए बिजनेस पर निर्भर करता है। सरकार ने सत्र की अवधि तीन दिन तय की है। कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सदन को संचालित करने के लिए एजेंडा तय किया गया है। विपक्ष की ओर से जो सभी मुद्दे उठाए जाएंगे, सरकार सभी का जवाब देने के लिए तैयार है।
प्रेमचंद अग्रवाल, संसदीय कार्यमंत्री

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