अवैध निर्माण पर दूसरे दिन भी निगम की कार्रवाई, बस्तीवासियों का प्रदर्शन

देहरादून। रिस्पना नदी के किनारे अवैध निर्माण पर दूसरे दिन भी नगर निगम की कार्रवाई जारी रही। दीपनगर बस्ती में भारी विरोध के बीच निगम ने आठ अवैध मकान ढहाए। बस्तीवासियों ने सड़क घेरकर टीम का विरोध किया, लेकिन पुलिस ने लाठी फटकार कर विरोध करने वालों को खदेड़ा।  इस दौरान घंटों हंगामा चलता रहा और महज आठ निर्माण ध्वस्त करने में निगम की टीम को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। एनजीटी के निर्देश पर की जा रही इस कार्रवाई का सभी मलिन बस्तीवासी विरोध कर रहे हैं। साथ ही उन्हें राजनीतिक दलों का संरक्षण भी मिल रहा है।  रिस्पना नदी के किनारे वर्ष 2016 के बाद किए गए निर्माण को अवैध करार देते हुए एनजीटी के निर्देश पर नगर निगम कार्रवाई कर रहा है। सोमवार को पहले दिन चूना भट्ठा से बलबीर रोड तक नदी किनारे चिह्नित किए गए निर्माण को हटाया गया। जबकि, मंगलवार को दीपनगर बस्ती में कार्रवाई की गई। सुबह करीब नौ बजे नगर निगम और पुलिस की टीम दीपनगर बस्ती पहुंची, जेसीबी देखते ही बस्तीवासियों की भीड़ जुट गई। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर बस्तीवासियों में भ्रम की स्थिति होने के कारण समूची बस्ती के लोग टीम का विरोध करने लगे।

उन्होंने नगर निगम और प्रदेश सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की और कहा कि बस्ती को नहीं उजड़ने देंगे। नगर निगम की टीम ने उन्हें बताया कि एनजीटी के निर्देश पर वर्ष 2016 के बाद क्षेत्र में बनाए गए आठ निर्माण ही तोड़े जाएंगे। इसके बाद भीड़ कुछ कम हुई, लेकिन तब भी बड़ी संख्या में लोग सड़क घेरकर खड़े रहे। अतिक्रमणकारियों ने निर्माण से संबंधित दस्तावेज पुराने होने का दावा भी किया, लेकिन निगम की टीम ने स्पष्ट किया कि सभी दस्तावेजों की जांच की जा चुकी है, उसके बाद ही अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने लाठी फटकार कर विरोध करने वालों को खदेड़ा और अवैध मकानों से सामान बाहर निकाला। इस दौरान क्षेत्रवासियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई।  हंगामा काफी देर तक चला और बड़ी संख्या में महिलाएं भी जेसीबी के आगे खड़ी हो गईं। टीम ने सख्ती दिखाते हुए सभी को खदेड़ा और आठों अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। अतिक्रमण हटाने से पहले पुलिस ने क्षेत्र में ड्रोन से जायजा लिया। विरोध करने वालों की संख्या और स्थिति पर नजर रखी गई। इसके अलावा कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी की गई।

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का विरोध करने वालों ने टीम को चारों ओर से घेर लिया और काफी देर तक नोकझोंक चलती रही। विरोध करने वालों जेसीबी आगे बढ़ने पर पथराव का प्रयास भी किया, जिस पर पुलिस ने सख्ती दिखाई और लाठियां फटकारते हुए बस्तीवासियों को किनारे धकेला। पुलिस ने बार-बार कार्रवाई में बाधा डालने पर लाठियां भांजने की चेतावनी दी, जिसके बाद ध्वस्तीकरण किया जा सका।  नगर आयुक्त गौरव कुमार ने कहा कि जहां भी अतिक्रमण हटाकर सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराया जा रहा है। वहां जल्द ही तारबाड़ कर दी जाएगी। खाली जमीन को खुला छोड़ देने पर दोबारा अतिक्रमण की आशंका बनी रहती है। निगम के अनुबंधित ठेकेदार से जल्द से जल्द तारबाड़ करा दी जाएगी। साथ ही निगम के स्वामित्व का बोर्ड स्थापित कर दिया जाएगा। बाद में बजट की उपलब्धता के अनुसार सरकारी जमीनों पर चहारदीवारी बनाने की भी योजना है। दीपनगर बस्ती के पास ही नदी के मुहाने पर चार करोड़ रुपये की लागत से योगा पार्क का निर्माण किया जा रहा है। नदी के पुस्ते से सटाकर इस पार्क को नगर निगम स्वयं तैयार कर रहा है। जिसका 30 प्रतिशत कार्य हो भी चुका है। दीपनगर बस्ती के निवासियों ने इस पार्क पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने मांग कि है कि नदी के किनारे बनाए जा रहे पार्क को भी ध्वस्त किया जाए। निगम पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए बस्तीवासियों ने पार्क को अवैध बताया। हालांकि, इस पर नगर निगम की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।

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