आगरा:- उत्तर प्रदेश के आगरा में एक हजार रुपये तक के जूते पर जीएसटी की दर पांच फीसदी होने की उम्मीद बढ़ गई है। प्रदेश के वित्त मंत्री और जीएसटी काउंसिल के सदस्य सुरेश खन्ना ने कारोबारियों को आश्वस्त किया। कहा कि वो खुद मांग की पैरवी करेंगे। उन्होंने मांगपत्र को फिटमेंट समिति को भेजने की जानकारी भी दी।
रविवार को हींग की मंडी स्थित द आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन के कार्यालय में वित्त मंत्री ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि जूते पर 5 से 12 फीसदी जीएसटी होने पर कारोबारियों ने विरोध नहीं जताया। इससे जीएसटी काउंसिल में ये पास हो गया।
अगर कपड़ा उद्यमियों की तरह ये भी मांग और ज्ञापन देते तो जूते पर दर नहीं बढ़ती। अब व्यापारियों की परेशानी देखते हुए कमेटी को प्रस्ताव भेजा गया है। इसकी रिपोर्ट के बाद काउंसिल की बैठक में एजेंडा रखा जाएगा, जहां इसे पास कराने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।
1086 कारोबारियों ने रद्द कराया पंजीकरण
फेडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा ने बताया कि वित्तमंत्री को जूते पर पांच से बढ़ाकर 12 फीसदी करने पर 1086 लोगों ने जूता कारोबार छोड़कर जीएसटी विभाग से पंजीकरण रद्द करवा दिया है। इसकी जानकारी वित्तमंत्री को दी तो वह चौंक गए। उन्होंने इसे गंभीर विषय मानते हुए दर कम करवाने का आश्वासन दिया है।
इन्हें किया पुरस्कृत
इससे पहले जूता कारोबारियों ने वित्तमंत्री का स्वागत किया। वित्तमंत्री ने जूते पर सर्वाधिक जीएसटी देने वाले अशोक मिड्डा समेत अनिल लाल अरोड़ा, समीर ढींगरा, चंद्रमोहन सचदेवा, ऋषभ साहनी, कपिल मगन, वासु मूलचंदानी, अतुल बंसल, शोभाराम पुरसनानी को पुरस्कृत किया। संचालन अजय महाजन ने किया। कार्यक्रम में मेयर हेमलता दिवाकर, सचिव नरेंद्र पुरसनानी, घनश्याम दास, अंबा प्रसाद गर्ग, चंद्रवीर सिंह फौजदार, प्रमोद महाजन, संजय अरोड़ा, विजय जटाना, चांद दीवान, श्याम भोजवानी, प्रदीप कुमार पिप्पल, विनोद शीतलानी आदि मौजूद रहे।
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