देहरादून:– केदारनाथ पैदल मार्ग पर बुधवार रात बादल फटने और भारी बारिश से हुए भूस्खलन में 16 लोगों के लापता होने की सूचना है। एक हजार यात्री अब भी केदारनाथ धाम में फंसे हुए हैं। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर आई आपदा के विषय में जानकारी ली। इस दौरान उन्हें प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने प्रदेशवासियों व श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। विभिन्न पड़ावों पर फंसे 4000 से अधिक तीर्थयात्रियों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पुलिस ने निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इनमें से 700 का हेलीकॉप्टर रेस्क्यू किया गया। बाकी फंसे यात्रियों को रेस्क्यू किया जा रहा है।
“फिलहाल, राज्य के किसी भी हिस्से में भारी बारिश नहीं हो रही है। उत्तरकाशी में कल के लिए अलर्ट है। राज्य में केवल गौरीकुंड और केदारनाथ के बीच का रास्ता अवरुद्ध है। कल हम 2300 लोगों को गौरीकुंड से सोनप्रयाग लाए और 700 लोगों को भिम्बोली और लिनचोली से गुप्तकाशी लाया गया। केदारनाथ में 1000 लोग सुरक्षित हैं। केदारनाथ में बारिश या किसी आपदा की स्थिति नहीं है। चार हेलीकॉप्टरों द्वारा लिनचोली और भिम्बोली से राहत बचाव कााार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा भारत सरकार से बचाव कार्यों के लिए एक एमआई-17 विमान और एक चिनूक हेलीकॉप्टर मिला है। मौसम साफ होते ही बचाव कार्य फिर से शुरू किया जाएगा, जिससे सभी तीर्थयात्रियों को बचाया जा सकेगा। रुद्रप्रयाग से केदारनाथ तक यात्रा मार्ग पर किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। अब तक केवल एक की मौत और एक के घायल होने की सूचना है। केदारनाथ यात्रा अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई है। यमुनोत्री, गंगोत्री और बदरीनाथ यात्राएं चल रही हैं। – वीके सुमन, आपदा प्रबंधन सचिव”
पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग डा विशाखा भदाणे ने बताया कि उनकी खोजबीन जारी है। वहीं पिछले 24 घंटे में राज्यभर में बारिश से हुए हादसों में 11 लोगों की मौत हुई है। श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को रेस्क्यू करने के लिए एसडीआरएफ उत्तराखण्ड के जवानों ने देर रात्रि तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए मुनकटिया क्षेत्र से 450 यात्रियों को सकुशल सोनप्रयाग पहुंचाया। आज भी रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी रहेगा।
रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ द्वारा किया जा रहा ड्रोन का उपयोग
सोनप्रयाग गौरीकुंड पहाड़ी मार्ग में अचानक मालवा और बोल्डर गिरने से, रेस्क्यू हेतु उपयोग किए जा रहे 02 किलोमीटर लंबे वैकल्पिक मार्ग को क्षति पहुंची है। इस विषम परिस्थिति में मौके पर पहुंचे एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिवादन बल) के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने ड्रोन के माध्यम से आगे की कार्य योजना तैयार की।
मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी तेज बारिश से एक दो दौर होने की संभावना जताई है। उत्तरकाशी में तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून, बागेश्वर व नैनीताल में गर्जन के साथ तेज बारिश हो सकती है।
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