प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के विधायकों की आठ अप्रैल से तीन दिन प्रशिक्षण पाठशाला चलेगी। इस पाठशाला में विधायकों के प्रोटोकॉल और अफसरशाही के हावी होने का मुद्दा भी गरमाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व अन्य केंद्रीय नेता वर्चुअल माध्यम से विधायकों को सांगठनिक, राजनीतिक और चुनाव प्रबंधन के पाठ पढ़ाएंगे। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने हरिद्वार में शाह से मिलकर विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग कार्यक्रम के लिए समय मांगा है। सभी केंद्रीय नेताओं को निमंत्रण देने के लिए वह नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।
भारतीय जनता पार्टी लगातार अपने संगठन व जनप्रतिनिधियों मैं जोश भरने व पार्टी की रीति नीति के संबंध में प्रशिक्षित करने का कार्य करती रहती है इसी क्रम में संगठन स्तर पर सभी जिलों के जिला अध्यक्ष मंडल अध्यक्ष समेत सभी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अब विधायकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण होना है जिसके लिए संगठन स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई है इस संबंध में बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि 8 , 9 व 10 अप्रैल को राजधानी देहरादून में पार्टी के सभी विधायकों के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा
जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के द्वारा वर्चुअल रूप से मार्गदर्शन किया जाएगा वही इस प्रशिक्षण शिविर में पार्टी की रीति नीति व केंद्र सरकार और राज्य सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाने और आगामी चुनाव की रणनीति को लेकर राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष समेत वरिष्ठ नेताओं के द्वारा मार्गदर्शन किया जाएगा।
बकौल भट्ट, पार्टी ने आठ, नौ व 10 अप्रैल को प्रशिक्षण कार्यक्रम की तिथि तय की है, लेकिन केंद्रीय नेताओं से समय प्राप्त होने के बाद इसमें बदलाव संभव है। उन्होंने कहा कि वह नई दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर उनसे प्रशिक्षण वर्ग कार्यक्रम में विधायकों का मार्गदर्शन करने का अनुरोध करेंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई अन्य प्रमुख नेताओं से समय लेने का प्रयास होगा।
पाठशाला में ये सीखेंगे विधायकतीन दिवसीय प्रशिक्षण पाठशाला में भाजपा विधायकों को जनप्रतनिधित्व अधिनियम, विधायकों के अधिकार एवं कर्तव्य, सरकार और संगठन के संबंध, सांगठनिक प्रबंधन, चुनाव प्रबंधन, पार्टी के आगामी कार्यक्रमों में विधायकों की भूमिका, केंद्रीय और राज्य सरकार की नीतियां, कार्यक्रम और लोक कल्याण से जुड़े निर्णय समेत कई अन्य विषय होंगे, जिनके बारे में केंद्रीय नेता अपना मार्गदर्शन देंगे।
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