38वें राष्ट्रीय खेलों में दुनियाभर से चुन-चुनकर उपकरण मंगाए गए हैं। रोइंग के लिए नाव पुर्तगाल से आई हैं तो उनकी पतवार और चप्पू अमेरिका व हंगरी से मंगाए गए हैं। इसी तरह 16 खेलों के उपकरण अमेरिका व यूरोपीय देशों से खरीदे गए, जिनके जरिये राष्ट्रीय खेलों के बाद भी हमारे खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं और माहौल मिलता रहेगा।खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि जिस भी खेल में जिस देश का उपकरण बेस्ट है, उसे राष्ट्रीय खेलों के लिए मंगाया गया है। कुछ जगहों पर ये उपकरण और उनसे संबंधित मशीनरी सॉफ्टवेयरइंस्टॉल करने का काम अंतिम चरण में है। हमारे यहां जिन खेलों को कराने की सुविधा नहीं थी, उन खेल विधाओं के लिए भी विश्वस्तर के खेल मैदान व साइकिलिंग वैलोड्रम जैसी सुविधाएं
विकसित की गई हैं।
खेल उपकरण मंगाने का फैसला संबंधित खेल विशेषज्ञों की मदद से किया गया। इन उपकरणों को उपयोग ओलंपिक स्तर के खेलों में होता है। ये उपकरण फ्रांस, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, स्पेन, जापान, अमेरिका, नीदरलैंड, स्वीटजरलैंड, इंग्लैंड, पुर्तगाल, स्लोवाकिया आदि से मंगाए गए हैं ।
खेल और मंगाए गए उपकरण
जिम्नास्टिक – फ्रांस से जिमनोवा
भारोत्तोलन – स्वीडन से एलिको
लॉन बाउल – यूके से ड्रेक्स प्राइड और ऑस्ट्रेलिया से हेन्सिलाइट
वॉलीबाल – जर्मनी से गेरलफ्लोर टेराफ्लेक्स सरफेस
फेंसिंग – इटली से फेवेरा, यूएसए से एब्सोल्यूट एएफ, स्पेन से फेंसिंग वीडियो रेफरल सिस्टम
वुशु – जापान से ताइशान
कुश्ती – संयुक्त राज्य अमेरिका से सुप्ले, संयुक्त राज्य अमेरिका से डोलमुर (कुश्ती मैट)
बैडमिंटन – जापान से योनेक्स
मॉडर्न पेंटाथलॉन – यूएसए से एब्सोल्यूट एएफ
तीरंदाजी – नीदरलैंड से टारगेट फेसेस
एथलेटिक्स – स्वीडन से भाले
साइकिलिंग साइकिल – स्विट्जरलैंड से स्कॉट, ताइवान से मेरिडा, यूके से डोलन, इटली और फ्रेंच से साइक्लिंग टायर, जापान से साइकिलिंग सहायक उपकरण (शिमैनो)
जूडो – जापान से मैट (टाटामिक्स)
एक्वेटिक्स – जापान से इलेक्ट्रॉनिक टचपैड , स्वीडन से एंटी-वेव लेन और वाटर पोलो गोल पोस्ट
रोइंग – पुर्तगाल से नाव, संयुक्त राज्य अमेरिका से चप्पू , संयुक्त राज्य अमेरिका से एर्गोमीटर, तुर्की से रेस्क्यू बोट्स
कयाकिंग और कैनोइंग – हंगरी से चप्पू और पतवार, स्लोवाकिया से स्लैलम नाव, तुर्की से रेस्क्यू बोट्स, इंग्लैंड से कैटामारन
हमने क्वालिटी के मामले में कोई समझौता नहीं किया। आने वाले समय में अगर हमारा कोई खिलाड़ी ओलंपिक जैसी प्रतियोगिता के लिए योग्य साबित होता है तो उसके अभ्यास की सुविधा
हमारे पास उपलब्ध होगी। लॉजिस्टिक की समस्याओं के चलते कुछ उपकरण मंगाने में समय ज्यादा लगा, लेकिन खुशी की बात है कि अब हमारे खेल मैदान पूरी तरह तैयार हैं।
– रेखा आर्या, खेल मंत्री
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