तीन दिवसीय बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड के प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन

उत्तराखंड प्रशासन अकादमी नैनीताल में आयोजित कुमाऊं मंडल के बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड के प्रतिनिधियों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण 26 से 28 मई 2022 के अंतिम दिन मंत्री धन सिंह रावत ने प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए मंत्री रेखा आर्या का धन्यवाद किया कि कुमाऊं के बाल संरक्षण के पदाधिकारियों का प्रशिक्षण ATI नैनीताल में आयोजित किया। उन्होंने अपेक्षा की कि बाल कल्याण समिति विभिन्न छात्रावासों का निरीक्षण कर 18 वर्ष तक के बच्चों को सही मार्गदर्शन प्रदान करे व बच्चों को नशे से दूर रखने का वातावरण बनाये। समिति/बोर्ड में मानदेय नही बल्कि बच्चों का कल्याण महत्वपूर्ण है। प्रतिभागियों ने स्वास्थ्य व शिक्षा मंत्री को सुझाव दिया कि शिक्षा में बजट बढ़ाया जाए, पोक्सो कर प्रकरण में हॉस्पिटल अतिरिक्त संवेदनशीलता बरते। मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड के प्रतिनिधियों के साथ जिला शिक्षा अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की समन्वय बैठक गढ़वाल व कुमाऊं स्तर पर आयोजित करवाएगें। सरिता आर्या विधायक ने कहा कि कुमाऊं के बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड के पदाधिकारी जाने पहचाने लोग हैं, जिनके माध्यम से गांव गांव तक बाल अधिकारों के प्रति सही दृष्टिकोण जाग्रत होगा। सचिव हरि चंद सेमवाल ने अपेक्षा की कि प्रशिक्षण में सभी प्रतिभागी अंतर विभागीय समन्वय ओर खुलकर अपनी जिज्ञासाएं प्रकट करें। अंतिम दिन के प्रथम सत्र में प्रकाश चंद, संयुक्त निदेशक ATI नैनीताल ने समस्त अतिथियों व प्रतिभागियों के धन्यवाद ज्ञापित किया। बाल श्रम रोकने में बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड की बदलती भूमिका विषय पर श्रम प्रवर्तन अधिकारी मीनाक्षी काण्डपाल ने चर्चा की तथा ऐसे बच्चों व अभिभावकों के साथ नियमित वार्तालाप करने पर बल दिया।

जस्टिस यू सी ध्यानी ने ऑनलाइन जुड़कर एक कविता से अपने संबोधन की शुरुआत की

पूजाघर दूर है तो,

चलो यू करें कि,

किसी रोते हुए बच्चे को,

हँसाया जाए।

जस्टिस ध्यानी ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम 2015, नियम 2016 व संशोधन 2021 समिति/बोर्ड की शक्तियों व उत्तरदायित्वों का उदगम है, जिनकी गहरी जानकारी होनी आवश्यक है। इसके लिए अध्ययन की आदत डालनी होगी। पुलिस विभाग के उप महानिरीक्षक कुमाऊँ नीलेश आनंद भरणे ने बाल कल्याण पुलिस अधिकारी व विशेष जुवेनाइल पुलिस इकाई के सम्बंध में विस्तार से जानकारी दी। झुंड मूवी में किशोर अपराधियों के सुधार का उदाहरण दिया। नागपुर पुलिस के अभिनव प्रयोग केअर प्रोजेक्ट की जानकारी दी।

पुलिस विभाग के आपरेशन स्माइल (खोये पाए बच्चे) आपरेशन मुक्ति (स्ट्रीट व बेगर चिल्ड्रन ), एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पर प्रकाश डालते हुए पोक्सो, बाल विवाह अधिनियम, अनैतिक व्यापार अधिनियम व किशोर न्याय अधिनियम पर चर्चा की। क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट डॉ प्रतिभा शर्मा ने ऑनलाइन जुड़कर प्रतिभागी सदस्यों से अपेक्षा की कि समिति/बोर्ड के प्रतिनिधि बाल मनोविज्ञान की गहरी जानकारी प्राप्त कर बच्चों व अभिभावकों की कॉउंसलिंग करें। इमोशनल वैलनेस पर फोकस करें व बच्चों से कनेक्ट करें। समापन सत्र में जस्टिस रविन्द्र मैठाणी ने 03 दिवस के प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। जस्टिस ने कानूनों के क्रियान्वयन में व्यवहारिक कठिनाइयों पर प्रकाश डाला व समिति/बोर्ड के प्रतिनिधियों का ध्यान किशोर न्याय नियमावली 2016 के महत्वपूर्ण भागों की ओर आकर्षित किया।

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