पुष्कर सिंह धामी सीएम रहेंगे या जाएगी कुर्सी, 3 जून को हो जाएगा फैसला…

उत्तराखंड में सीएम पुस्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री बने रहेंगे या फिर उनकी कुर्सी चली जाएगी, इसका फैसला 3 जून को जाएगा। प्रदेश में उप चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सीएम धामी इस बार चंपावत विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमाने उतर रहे हैं।

देहरादून: उत्‍तराखंड (Uttarakhand) के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर फैसला 3 जून को हो जाएगा। चुनाव आयोग ने चंपावत विधानसभा उप चुनाव (Champawat Assembly Constituency ByElection) की तारीखों का ऐलान कर दिया है। पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड चुनाव 2022 (Uttarakhand Election 2022) में अपनी परपंरागत विधानसभा सीट खटीमा से चुनाव लड़ा था।

लेकिन, कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने उन्हें मात दे दी थी। इसके बाद से उनकी कुर्सी पर खतरा उत्पन्न हुआ। 70 में से 47 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद भी सीएम के हारने से भाजपा की खुशी फीकी रही। बाद में, चंपावत से भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज करने वाले कैलाश गहतोड़ी ने अपनी सीट छोड़ दी। अब वहां पर होने वाले उप चुनाव का परिणाम जब 3 जून को आएगा तो कई चीजें साफ हो जाएंगी।

चंपावत विधानसभा सीट खाली होने के बाद चुनाव आयोग ने इस सीट पर चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। विधानसभा उप चुनाव के लिए 4 मई को अधिसूचना जारी होगी। इसी के साथ नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 11 मई तक नामांकन किया जाएगा। 17 मई तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। 31 मई को चंपावत में उप चुनाव के वोट डाले जाएंगे। 3 जून को उप चुनाव की मतगणना होगी।

परिणाम के साथ ही तय हो जाएगा कि प्रदेश में धामी सरकार चलेगी या फिर भाजपा को एक बार फिर अपना चेहरा बदलना पड़ेगा। चंपावत से सीएम धामी अपनी किस्मत आजमाएंगे। वहीं, कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन, पार्टी ने विधानसभा सीट पर रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी भुवन कापड़ी को सौंप दी है। विधायक कापड़ी खटीमा की तर्ज पर चंपावत में भी मुख्यमंत्री को हराने की रणनीति पर काम करते दिखेंगे।

 

 

 

पूर्व विधायक को सीएम की जीत का पूरा भरोसा

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद हुए पांच चुनावों में चंपावत विधानसभा सीट से तीन बार भाजपा को जीत मिली है। इस लिहाज से इसे भाजपा का मजबूत गढ़ माना जा रहा है। उत्तराखंड चुनाव 2022 में भी पार्टी के कैलाश गहतोड़ी ने शानदार जीत दर्ज की थी। मुख्यमंत्री के लिए सीट छोड़ने वाले कैलाश गहतोड़ी दावा कर रहे हैं कि क्षेत्र की जनता प्रदेश के मुख्यमंत्री को चुनने के लिए बेताब है।

सीएम धामी यहां से रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज करेंगे। उनके दावों में दम कितना है, यह यहां के चुनाव परिणामों पर साफ दिखता है।

वर्ष 2002 के बाद से हुए पांच विधानसभा चुनावों में तीन बार भाजपा को जीत मिली है। वहीं, दो बार इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली। वर्ष 2002 और 2012 के विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल ने जीत दर्ज की। वर्ष 2007 में भाजपा की वीणा महाराना ने यहां से जीत दर्ज की। वहीं, 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कैलाश गहतोड़ी को जीत मिली।

भाजपा और कांग्रेस में सीधी भिड़ंत के आसार

चंपावत विधानसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई होती रही है। यह विधानसभा सीट कुमाऊं रीजन के तहत आती है। इस सीट के बारे में कहा जाता रहा है कि यहां जीतने वाले विधायक की ही प्रदेश में सरकार बनती है। यह अल्मोड़ा लोकसभा सीट के तहत आता है।

यह सीट ग्रामीण क्षेणी में आती है। यहां पर भाजपा के प्रति लोगों का रुझान काफी देखा गया है। अल्मोड़ा लोकसभा सीट हो या फिर चंपावत विधानसभा सीट, दोनों पर भाजपा की जीत इसका प्रमाण है। इस बार भी दोनों दलों के बीच ही चुनावी लड़ाई का अनुमान है।

प्रसिद्ध है यहां का मां पूर्णगिरि सिद्ध धाम

चंपावत अनारक्षित विधानसभा सीट है और इस विधानसभा क्षेत्र के तहत टनकपुर तहसील भी आती है। यहां का मां पूर्णागिरि का सिद्ध धाम पूरे देश में चर्चित है। यह कुमाऊं रीजन की एक मात्र विधानसभा सीट है, जिसमें मैदानी और पहाड़ी दोनों क्षेत्र आते हैं। पांडवों के अज्ञातवास के लिए प्रसिद्ध ब्यानधुरा भी चंपावत विधानसभा सीट के दायरे में भी आता है।

इसके अलावा श्यामलाताल पर्यटन स्थल भी अपनी ख्याति है। ग्रामीण इलाके की इस सीट पर भाजपा अपनी जीत तय करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। कैलाश गहतोड़ी इस्तीफा देने के बाद से लगातार क्षेत्र में कैंप कर रहे हैं।

भाजपा ने आसानी से दर्ज की थी जीत

उत्तराखंड चुनाव 2022 में भाजपा ने यहां से आसानी से जीत दर्ज की थी। आमने-सामने के मुकाबले में कैलाश गहतोड़ी ने कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल को 5304 वोटों से हराया।

इसके बाद से इसे भाजपा के गढ़ के रूप में माना जाने लगा है। उत्तराखंड चुनाव 2022 में चंपावत में 50.26 फीसदी वोट पड़े थे। कैलाश गहतोड़ी को कुल पड़े वोटों का 50.26 फीसदी मिला था।

दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार को 42.07 फीसदी वोट मिले थे। कैलाश 32,547 वोट और हेमेश 27,243 वोट पाने में कामया रहे थे। तीसरे नंबर रही आम आदमी पार्टी के मदन मेहर को 2557 वोट मिले थे।

भुवन कापड़ी की होगी परीक्षा
सीएम पुष्कर सिंह धामी को हराकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आए भुवन कापड़ी की इस विधानसभा उपचुनाव में परीक्षा होगी। कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताते हुए चंपावत उप चुनाव की कमान उनके हाथों में सौंप दी है।
अपनी मेहनत और लोगों के बीच जुड़ाव के कारण वे मुख्यमंत्री को हराने में कामयाब रहे। अगर वे चंपावत में ऐसा कोई करिश्मा कर जाते हैं तो उनके नेतृत्व को पार्टी के स्तर पर बड़ा माना जाएगा।
इसका लाभ भी उन्हें मिल सकता है। चंपावत में अगर सीएम धामी जीतते हैं तो फिर भाजपा उनकी जीत को तुक्का बताने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी।

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