उत्तराखंड में एक झटके में 1600 कर्मचारियों की नौकरी छीन गई है। बताया जा रहा है कि कोरोनाकाल में प्रदेश के अस्पतालों रखे गए 1600 कर्मचारियों सेवाएं बुधवार को खत्म हो गई है। जिसके बाद अब कर्मचारियों ने विरोध एवं उनकी विस्तारित करने की मांग पर आंदोलन शुरू कर दिया है। वहीं एक झटके में सैकड़ों कर्मियों की नौकरी छिन जानें से अस्पताल में व्यवस्था डगमगा सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दून अस्पताल कई अन्य अस्पतालों में कर्मचारियों आखिरी दिन कार्य बहिष्कार किया । कर्मचारियों की सेवा विस्तारित करने की मांग की जा रही है । उपनल कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष गणेश गोदियाल की ओर से एमएस को एक चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हटने से अस्पताल में सेवाएं प्रभावित होगी उन्होंने जल्द इन्हें बहाल नहीं करने पर धरने की चेतावनी दी है । उधर , नर्सिंग स्टाफ का भी रिन्युअल नहीं होने से उनमें भी आक्रोश है , वह भी जल्द आंदोलन में शामिल हो सकते हैं
बताया जा रहा है कि , गुरुवार से कर्मी जहां – जहां तैनात थे , उन्हीं अस्पतालों के बाहर धरना देंगे । दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल सबसे ज्यादा दिक्कत लैब एवं वार्डों में हुई । वहां पर आउटसोर्स एजेंसी अपने कर्मचारी बुलाने पड़ें है। वहीं वार्डो में एक – एक नियमित वार्ड ब्वाय रह गए । जिन पर कार्य का बोझ गया है । वहीं इमरजेंसी , प्रशासनिक अनुभाग , पीआरओ सेल , फार्मेसी समेत अन्य विभागों में दिक्कतें झेलनी पड़ी है।
स्टेट फ्रंटलाइन हेल्थ केयर वर्कर यूनियन अध्यक्ष संजय कोरंगा ने कहा कि गुरुवार से प्रदेशभर में कर्मचारी अस्पतालों के बाद आंदोलन करेंगे । जब तक उनकी सेवा विस्तारित नहीं की जाती , आंदोलन चलता रहेगा । उधर , पुरानी बिल्डिंग में पानी की टंकी के नीचे एकत्र होकर कर्मचारियों ने आगामी रणनीति बनाई ।
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