उत्तराखंड: उत्तराखंड में सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने वालों को अब जेल तो नहीं होगी लेकिन दो हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा। कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध अधिनियम 2016(संशोधन) विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी। उत्तराखंड को स्वच्छ एवं प्रदूषणमुक्त रखने के उद्देश्य से सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ा-कचरा फेंकने और थूकने को प्रतिबंधित करने लिए वर्ष 2016 में उत्तराखंड कूड़ा फेंकना व थूकना प्रतिषेध अधिनियम अस्तित्व में आया।
इसके अंतर्गत सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ा-कचरा फेंकना व थूकना पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया। साथ ही कुछ अन्य प्रतिबंध भी लागू किए गए। अब शासन ने अधिनियम में शामिल कारावास संबंधी प्रविधानों को हटाने का निर्णय लिया है, जबकि निरंतर अपराध की स्थिति में प्रतिदिन के हिसाब से अर्थदंड में चार गुना वृद्धि की है। इससे संबंधित संशोधन विधेयक सरकार आगामी विधानसभा सत्र में पेश करेगी।
दरअसल, अभी तक इस अधिनियम में यह प्रावधान था कि अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा फेंकता है या थूकता है तो उसे छह माह का कारावास और 500 रुपये जुर्माने की सजा मिलती थी। अब इस अधिनियम की धारा 9(1) और धारा 9(2) में संशोधन कर दिया गया है।
इसके तहत कारावास के प्रावधान को खत्म कर दिया है। लेकिन कूड़ा फेंकने या थूकने पर अब 500 के बजाए दो हजार रुपये जुर्माना लगेगा। अगर वह व्यक्ति एक बार जुर्माना लगाने पर भी नहीं मानता तो उसे रोजाना दो हजार रुपये की दर से जुर्माना भरना पड़ेगा।
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