भोजपुर जिले के आरा-बबुरा फोरलेन पर एक दर्दनाक हादसे में ट्रक चालक और खलासी की जिंदा जलकर मौत हो गई। यह घटना कोइलवर थाना क्षेत्र के इंग्लिशपुर गांव के पास देर रात करीब तीन बजे हुई। आग इतनी भीषण थी कि ट्रक में मौजूद दोनों लोगों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। घटना के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई।
जाम में फंसा था ट्रक
जानकारी के अनुसार, ट्रक बेतिया से बालू लादकर आरा की ओर आ रहा था। बबुरा-छपरा फोरलेन पर रात में ट्रकों की लंबी कतार जाम में फंसी हुई थी। ड्राइवर और खलासी अपने ट्रक में सो रहे थे। इसी दौरान ट्रक में अचानक आग लग गई। आग ने इतनी तेजी से ट्रक को अपनी चपेट में ले लिया कि दोनों व्यक्तियों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला।
जिंदा जलकर मौत, सिर्फ कंकाल बचे
जानकारी के मुताबिक, हादसे में ड्राइवर और खलासी की मौत हो गई। मृतक ड्राइवर की पहचान पिरो थाना क्षेत्र के भलकुआ गांव निवासी दिवंगत मुद्रिका सिंह के बेटे भीम सिंह के रूप में हुई है। वहीं, खलासी कृष्णागढ़ थाना क्षेत्र के सैराया गांव निवासी शत्रोहन महतो के बेटे विकास कुमार थे। दोनों की मौत के बाद उनके शवों के सिर्फ कंकाल बचे हैं।
घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारी
घटना की सूचना मिलते ही कोइलवर थाना टीम और सदर डीएसपी रणजीत सिंह मौके पर पहुंचे। साथ ही, फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल की जांच शुरू कर दी। प्राथमिक जांच में यह संभावना जताई जा रही है कि ट्रक में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट हो सकती है।
‘मुआवजा मिले, तब हटेगा जाम’
घटना के बाद मृतक उपचालक विकास कुमार के भाई अरुण कुमार ने बताया कि उन्हें सुबह छह बजे गाड़ी मालिक से घटना की जानकारी मिली। मौके पर पहुंचने के बाद उन्होंने देखा कि ट्रक में आग लगी थी और दोनों की जलकर मौत हो चुकी थी। उन्होंने प्रशासन से मुआवजे की मांग करते हुए कहा कि जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक रोड जाम रहेगा।
वहीं, सदर डीएसपी रणजीत सिंह ने कहा कि घटना की जांच की जा रही है। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की संभावना है। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है। प्रशासन ने मामले की जांच में तेजी लाने और पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
आग की भयावहता ने दिलाई चिता की याद
चश्मदीदों के अनुसार, आग इतनी भीषण थी कि ऐसा लग रहा था जैसे ट्रक चिता की तरह जल रहा हो। मृतकों के परिवार इस हादसे से गहरे सदमे में हैं और सरकार से उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
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