मुख्यमंत्री आज मुख्य सेवक सदन मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए प्रदेश की 167 आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों को सुपरवाइजर के पद पर नियुक्त होने पर नियुक्ति पत्र वितरित किए।
इस अवसर पर उन्होंने नन्दा गौरा योजना एवं मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना के ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ भी किया। उन्होंने कहा कि दुर्गा अष्टमी के दिन 167 आंगनबाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी माताओं-बहनों को सुपरवाइजर के पद पर नियुक्ति पत्र प्रदान करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों की समाज में अहम भूमिका है। आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियां, मां यशोदा की तरह बच्चों का पालन-पोषण करती हैं। राज्य सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति मजबूत करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी पद से चयन कर सुपरवाइजर हेतु निर्धारित कुल 299 पदों के सापेक्ष 167 रिक्त पदों पर नियुक्ति दी जा रही है। साथ ही समस्त आंगनवाड़ी कर्मियों का मानदेय राज्य स्तर से सीधे उनके बैंक खातों में ऑनलाइन लगभग 24 करोड़ रूपये प्रति माह भुगतान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आज महालक्ष्मी किट योजना के अनुश्रवण (मॉनिटरिंग) हेतु पोर्टल के उद्घाटन से प्रति वर्ष राज्य की लगभग 50 हजार धात्री महिलाओं व नवजात शिशुओं को आवश्यक कपड़े एवं किट की सामग्री सुलभता से उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नन्दागौरा योजना के पोर्टल के उद्घाटन से प्रतिवर्ष लगभग 50 हजार बालिकाओं को जन्म पर ₹11 हजार व कक्षा 12 उत्तीर्ण करने पर ₹51 हजार की धनराशि हेतु आवेदन करने की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध हो जायेगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड को 3940 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की है। प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र के लिए ₹12 लाख की धनराशि – मनरेगा, केन्द्र व राज्य का अंश मिलाकर-निर्धारित की गई है।
इस दौरान कार्यक्रम में सचिव हरीश चंद्र सेमवाल, अपर सचिव प्रशांत आर्य एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
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