उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट की बैठक 22 जनवरी को अरैल के त्रिवेणी संकुल में होगी। इसमें 54 मंत्री और 130 वीआईपी शामिल होंगे। अरैल की तरफ बैठक होने से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रास्ते खुले रहेंगे और शहर से मेला क्षेत्र की ओर से आने वाले रास्तों पर यातायात सुगम रहेगा।
हालांकि, कैबिनेट की बैठक का समय अभी निर्धारित नहीं किया गया है, लेकिन दोपहर 12 बजे के आसपास बैठक करने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत बैठक में शामिल होने वाले मंत्री गंगा में पुण्य की डुबकी भी लगाएंगे। इसके लिए वीआईपी जेटी का विस्तार किया जा रहा है, ताकि आम श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो।
बैठक के लिए जो 130 वीआईपी आ रहे हैं, उनमें सभी विभागों के प्रमुख सचिव एवं अन्य अफसर शामिल होंगे। बैठक में कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे जाने की तैयारी है। इस बैठक में महाकुंभ क्षेत्र को हमेशा के लिए प्लास्टिक मुक्त घोषित किया जा सकता है।
नगर निगम के सहयोग से यह प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। वैसे मेला अवधि में कुंभ क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त घोषित कर दिया जाता है। अगर इसे स्थायी रूप से प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित कर दिया जाता है तो निर्मल गंगा की दिशा में उठाए रहे कदमों में यह महत्वपूर्ण निर्णय होगा और मील का पत्थर साबित होगा।
इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक के दौरान प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, मथुरा समेत कुछ अन्य जिलों को मिल कर एक विशेष धार्मिक क्षेत्र भी घोषित किया जा सकता है।
74वें संविधान संशोधन को पूरी तरह से लागू करने की मांग
नगर निगम ने सोमवार को सर्वदलीय पार्षद पूर्व पार्षद जन कल्याण संस्था की बैठक हुई, जिसमें 74वें संविधान संशोधन पूर्णतया व प्रभावी तरीके से लागू और महाकुंभ में 22 जनवरी को प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक इससे संबंधित प्रस्ताव लाने की मांग की गई।
पार्षदों ने कहा कि महाकुंभ संपन्न होने के बाद जो धनराशि बचे, उसे विशेष आर्थिक पैकेज के रूप में विकास कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। बैठक में पार्षद शिवसेवक सिंह, आनंद घिल्डियाल, अजय यादव, कुसुम लता, गुलाब सिंह, भाष्कर पटेल, पूर्व पार्षद मो. आजम, अशोक सिंह, कमलेश सिंह, चंद्र प्रकाश गंगा आदि मौजूद रहे।
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