उत्तराखंड में कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए पुलिस ने खास इंतजाम किए हैं, इस बार शिवभक्तों की सुरक्षा में सीसीटीवी और ड्रोन के साथ करीब 10 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने इसके बारे में जानकारी दी है, एक इंटर स्टेट कोर्डिनेशन को संबोधित करते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि श्रावण के महीने में शिव भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का उपयोग किया जाएगा, जबकि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया की निगरानी की जाएगी। कांवड़ियों से सोशल मीडिया के माध्यम से शांति बनाए रखने में पुलिस और स्थानीय प्रशासन का सहयोग करने की अपील की जाएगी।
कांवड़ यात्रा के मार्गों का करें प्रचार
उत्तराखंड के डीजीपी ने दूसरे राज्यों के अधिकारियों से कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि पड़ोसी राज्य कांवड़ यात्रा के निर्धारित मार्गों का प्रचार करेंगे ताकि चारधाम, मसूरी और देहरादून आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो, उन्होंने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और अन्य स्थानों से आने वाले कांवड़ियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है।
2 साल बाद हो रही हैं कांवड़ यात्रा
डीजीपी कुमार ने बताया कि इस साल यात्रा के लिए हरिद्वार और आसपास के इलाकों को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में बांटा गया है और व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब 9,000-10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। कोरोना महामारी की वजह से 2 साल बाद कांवड़ यात्रा होने वाली है, जो कि 14 जुलाई से 26 जुलाई तक आयोजित की जाएगी। कांवड़िया यात्रा में अपने क्षेत्रों में शिव मंदिरों में चढ़ाने के लिए हरिद्वार में गंगा नदी से जल इकट्ठा करते हैं।
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