यातायात निदेशालय उत्तराखण्ड द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म से आम नागरिकों को बार-बार सीट बैल्ट के प्रयोग के लिए जागरुक किया जा रहा है। जैसा कि सभी विदित है कि कुछ दिन पूर्व ही टाटा संस के पूर्व निदेशक सायरस मिस्त्री की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी जिसमें पता चला है कि अगर उनके द्वारा सीट बैल्ट का प्रयोग किया होता तो शायद उनकी जान बच जाती। उत्तराखण्ड में सीट बैल्ट का प्रयोग न करने पर चालान की कार्यवाही देखी जाए तो राज्य में वर्ष 2021 में 10427 उल्लघंनकर्ताओं का सीट बैल्ट का प्रयोग न करनें पर चालान हुआ है। वहीं वर्ष 2022 में माह जुलाई तक 8276 उल्लघंनकर्ताओं का चालान हो चुका है ।
पुलिस उपमहानिरीक्षक/निदेशक यातायात उत्तराखण्ड मुख्तार मोहसिन द्वारा बताया गया कि यातायात निदेशालय द्वारा जनपदों को निर्देशित किया गया है कि सीट बैल्ट के प्रयोग के लिए आमनागरिकों को जागरुक किया जाए एवं प्रवर्तन की कार्यवाही में सीट बैल्ट के प्रयोग पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रायः देखने में आया है कि लोग पिछली सीट पर सीट बैल्ट के प्रयोग नहीं करते है जो कि काफी घातक हो सकता है । सीट बैल्ट का प्रयोग न करने पर मोटर वाहन अधिनियम 1988 यथासंशोधित 2019 की धारा 194 (B) के अन्तर्गत रु 1000 का चालान भी हो सकता है। कृपया सभी लोगों से निवेदन है कि वाहन में सभी लोग सीट बैल्ट का प्रयोग करें इसमें ही आप लोगों की सुरक्षा है।
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